जमशेदपुर मेें 35 बार, 6 क्लब आैर 80 से अधिक शराब की दुकानें हैं. शराब दुकानदार मंथली काे शराब की कीमताें में बढ़ाेतरी कर बैलेंस कर लेते हैं. यही कारण है हर दुकान में शराब अधिक दाम पर बिकती है, अधिक दाम लिये जाने पर जब कभी शिकायत भी हाेती है ताे किसी तरह की काेई कार्रवाई नहीं की जाती है.
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‘मंथली’ का फेर, एमआरपी से ज्यादा पर बिकती है शराब
जमशेदपुर: शराब की बढ़ती हुई कीमताें के पीछे अवैध रूप से की जा रही वसूली बड़ा कारण है. बार का सालाना लाइसेंस फीस करीब 19 लाख है, जबकि बार का लाइसेंस नवीनीकरण कराये जाने के दाैरान सवा लाख रुपये का चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है. जिस बार मालिक ने आबकारी विभाग के पास चढ़ावा चढ़ाने में […]
जमशेदपुर: शराब की बढ़ती हुई कीमताें के पीछे अवैध रूप से की जा रही वसूली बड़ा कारण है. बार का सालाना लाइसेंस फीस करीब 19 लाख है, जबकि बार का लाइसेंस नवीनीकरण कराये जाने के दाैरान सवा लाख रुपये का चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है. जिस बार मालिक ने आबकारी विभाग के पास चढ़ावा चढ़ाने में देर की या आनाकानी की, उसकी दुकान सील हाेने के बाद कब खुलेगी, काेई नहीं बता सकता है.
जमशेदपुर आबकारी विभाग के वरीय अधिकारी काे जहां साल में एक बार लाइसेंस नवीनीकरण के नाम पर चढ़ावा चढ़ाया जाता है, वहीं कनीय पदाधिकारी जाे अलग-अलग सर्किल में पदस्थापित हैं, हर माह वसूली के लिए आते हैं अाैर एक मुश्त राशि लेकर जाते हैं. बार एवं शराब दुकानाें से हर माह 30-30 हजार रुपये पदाधिकारी मंथली के रूप में वसूलते हैं. मंथली के अलावा पदाधिकारी पर्व-त्याैहार के दाैरान मुफ्त में शराब भी ले जाते हैं.
शराब कारोबारियों, अवैध माफिया से फिक्स रहती है राशि. उत्पाद विभाग का मुख्य काम शराब की अवैध बिक्री की रोकथाम है, लेकिन उत्पाद विभाग द्वारा छोटे स्तर के अवैध शराब विक्रेता अौर शराब पीने वालों को गिरफ्तार कर छापामारी व गिरफ्तारी का कोटा पूरा किया जाता है अौर बड़े अवैध कारोबारियों से मंथली फिक्स की जाती है. वैसे छोटे अवैध कारोबारी जो बड़े अवैध शराब माफिया से शराब लेकर बिक्री नहीं की जाती है, बल्कि कहीं अौर से लाकर बिक्री की जाती है उसकी सूचना देकर बड़े माफिया द्वारा छापामारी करायी जाती है, ताकि उसका एकछत्र राज हो. बागबेड़ा, कदमा-सोनारी, बिष्टुपुर, सीतारामडेरा, बागुनहातु-बारीडीह, बिरसानगर, राहरगोड़ा-गोविंदपुर, मानगो-उलीडीह, शंकोसाई, एमजीएम थाना क्षेत्र में अलग-अलग शराब माफिया का वर्चस्व है.
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