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मां की मृत्यु की खबर भी विचलित नहीं कर सका फुटबॉलर रानी को, मौत के बाद भी पूरा किया जीत का वादा

जमशेदपुर: मां रेवती रविदास ने रानी रविदास को खेलने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया. लेकिन, इस बार जब डिब्रुगढ़ में होने वाली ईस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी महिला फुटबॉल प्रतियोगिता के लिए रानी रवाना होने वाली थी, तो उसकी मां थोड़ी मायूस थीं. उन्हें शायद पता हो गया था कि उनकी जिंदगी चंद दिनों की बची […]

जमशेदपुर: मां रेवती रविदास ने रानी रविदास को खेलने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया. लेकिन, इस बार जब डिब्रुगढ़ में होने वाली ईस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी महिला फुटबॉल प्रतियोगिता के लिए रानी रवाना होने वाली थी, तो उसकी मां थोड़ी मायूस थीं. उन्हें शायद पता हो गया था कि उनकी जिंदगी चंद दिनों की बची है.
लेकिन, जब रानी ने कहा कि उसके बगैर उसकी टीम कमजोर पड़ जायेगी, तो उन्होंने हंसते-हंसते रानी को विदा कर दिया. रानी ने अपनी मां से टीम को जीताने का वादा किया था. रविवार की रात रानी की मां की मौत हो गयी. इसकी सूचना उसे मैनेजर से मिली. वह दुखी हो गयी, लेकिन इस विकट घड़ी में भी उसने मां से किये गये वादे को याद रखा. उसने वापस न लौटने का निर्णय लिया और सोमवार को लीग मैच जीतकर अपनी टीम को प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंचाया तथा मां से किये गये अपने वादे को पूरा किया.
रानी रवि दास अभी असम के डिब्रुगढ़ में चल रही ईस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी महिला फुटबॉल प्रतियोगिता में कोल्हान टीम का प्रतिनिधित्व कर रही है. कोल्हान टीम के मैनेजर आरके चौधरी ने जब रानी रवि दास को उनकी मां के निधन की सूचना दी, तो उसने स्पष्ट कहा- ‘मां की मुझे काफी याद आ रही है. लेकिन, मैं घर वापस नहीं जाऊंगी. अपनी टीम को चैंपियन बनाकर ही लौटूंगी. यही मेरी मां के लिए श्रद्धांजलि होगी.’ हालांकि, टीम प्रबंधन ने उसके लिए रिटर्न टिकट की व्यवस्था कर दी थी. ग्रेजुएट कॉलेज बीए पार्ट वन की छात्रा रानी रवि दास कोल्हान टीम की सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी है. वह फॉरवर्ड में खेलती है. रानी रविदास की मां का लंबी बीमारी के बाद बारीडीह के मर्सी हॉस्पिटल में रविवार की रात निधन हो गया था.
यूनिवर्सिटी की आेर से पुरस्कृत किया जायेगा रानी को : कोल्हान टीम के मैनेजर आरके चौधरी ने बताया कि रानी रवि दास का खेल के प्रति समर्पण भाव व निष्ठा को देखते हुए कोल्हान यूनिवर्सिटी से उसे पुरस्कृत करने की अनुशंसा की जायेगी.
छोटी बहन की हो गयी शादी और रानी फुटबॉल के िलए रिश्ते ठुकराती रही
रानी रविदास पांच बहनों में चौथे नंबर पर है. उनसे छोटी बहन शकुंतला की शादी हो चुकी है. रानी के लिये भी कई रिश्ते आये, लेकिन फुटबॉल में कुछ गुजरने की दीवानगी के कारण ही रानी ने हमेशा ही फुटबॉल को तरजीह दी. भाई सुबोध के अनुसार 14 साल की उम्र से रानी फुटबॉल खेल रही है. घर के पास ही विकास मैदान है, जहां से उसने फुटबॉल की शुरुआत की. धीरे-धीरे वह जिला, राज्य व यूनिवर्सिटी टीम तक पहुंच गयी.
अभ्यास के लिए रोजाना 36 किमी चलाती है साइकिल : रानी अभ्यास के लिए रोजाना 36 किलोमीटर का सफर (आना-जाना) तय कर बिष्टुपर स्थित आर्मरी मैदान पहुंचती है. बहनों के अनुसार शुरू में लोगों ने उसके खेल को लेकर आपत्ति जतायी थी, लेकिन धीरे-धीरे वह भी रानी की खेल के प्रति दीवानगी के मुरीद हो गये. नूतनडीह (हुरलुंग) की रहने वाली फुटबॉलर रानी को मुहल्ले के हर लोग पहचानते हैं, क्योंकि उसकी पहचान ही फुटबॉल है.
मां चाहती थीं, उनकी जिंदगी में ही अपने पैरों पर खड़ी हो जाये रानी: रानी अपनी टीम के लिए फॉरवर्ड में खेलती है. रानी की मां की हमेशा यही ख्वाहिश थी कि बेटी उनकी जिंदगी में कुछ कर जाये. अपने पैरों पर खड़ी हो जाये. मां के इन सपनों को पूरा करने के लिए ही रानी इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में खेलने डिब्रुगढ़, असम गयी थी. उल्लेखनीय है कि कोल्हान की टीम पहली बार इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में भाग ले रही है.
घरवालों ने कहा, तुम खेल पर ध्यान दो : रानी रवि दास को जब उनकी मां के निधन की खबर दी गयी तो उसने एक पल के लिये घर लौटने को सोचा था. लेकिन, उनके पिता दल गोविंद रविदास और भाई सुबोध व शंकर ने कहा, तुम्हे आते-आते देर हो जायेगी. इसलिए तुम अपने खेल पर ध्यान दो और टीम को चैंपियन बनाओ. कोल्हान यूनिवर्सिटी टीम प्रबंधन ने भी जब रानी को घर जाने की अनुमति दी तो, रानी ने घर लौटने से साफ मना कर दिया. रानी की मां का अंतिम संस्कार सोमवार को किया गया.
पिता बनाते हैं नगाड़ा : रानी रविदास के परिवार की आर्थिक स्थित अच्छी नहीं है. पिता दल गोविंद रविदास घर पर ही नगाड़ा, ढोल व ताशा बनाकर परिवार चलाते हैं. साथ ही रानी के दो भाई सुबोध और शंकर ऑटो चलाकर परिवार के भरण-पोषण में मदद करते हैं. रानी दो भाई व पांच बहन है. बहन का नाम लक्ष्मी, गुरुबारी, जमुना व शकुंतला है. वहीं भाइ सुबोध व शंकर है‍ं.

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