जमशेदपुर : सरकारी जमीन की रिपोर्ट को लेकर राज्य के महालेखाकार कार्यालय से करायी गयी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट महालेखाकार को भेजी गयी है, जिसमें इस बात की पुष्टि की गयी है कि यहां अरबों की सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री की गयी है.
इसमें कई अधिकारियों से लेकर कई विभागों की संयुक्त संलिप्तता है, जिन्होंने कानून का लाभ उठाकर न सिर्फ जमीन की खरीद-बिक्री की, बल्कि इसका दाखिल खारिज कर सरकारी जमीन के नाम को खतियान से हटाकर किसी अन्य के नाम से कर दिया. ऑडिट करने के लिए पहुंची टीम ने पाया है कि जो भी सरकारी जमीन दूसरों के नाम से की गयी है, उसमें गलत तरीके से डिग्री तक करायी गयी है.
अंचल कार्यालय ने फिर किया पत्रचार
रजिस्ट्री कार्यालय से सारे ऐसे दस्तावेजों की तमाम जानकारी से लेकर खाता, खतियान और डीड की संख्या से लेकर पूरी रिपोर्ट तक भेज दी गयी है. इसके तहत जमाबंदी को रद्द करने की सिफारिश की गयी है. लेकिन अंचल कार्यालय ने एक बार फिर से 3 फरवरी को पत्रचार किया है, जिसमें कहा गया है कि वे केवाला का भी नंबर उपलब्ध करायें. अब रजिस्ट्री विभाग की ओर से इसकी भी पूरी सूची भेजने की तैयारी की जा रही है.
वन भूमि को लेकर विभाग ने भी साधी चुप्पी
रजिस्ट्री विभाग द्वारा वन भूमि की तमाम जानकारी मांगी गयी थी. इस पर आधी-अधूरी रिपोर्ट वन विभाग ने भेजी. इसके बाद नये सिरे से रिपोर्ट जब मंगायी गयी तो अब तक इसका जवाब नहीं आया है. एक माह पहले ही इसकी रिपोर्ट मांगी गयी है.