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धंस गये मनरेगा से बने 546 कुएं

जमशेदपुर: जिले में वर्ष 2011 तक मनरेगा से बने कुओं में से 546 कुआं धंस गये. इसमें से 40 कुआं का पुन: निर्माण कराया गया तथा 506 कुआं धंसने के बाद बंद हो गये. 2011 के बाद से मनरेगा की योजनाओं में कुआं को शामिल नहीं किया गया. जिला प्रशासन द्वारा इससे संबंधित रिपोर्ट मनरेगा […]

जमशेदपुर: जिले में वर्ष 2011 तक मनरेगा से बने कुओं में से 546 कुआं धंस गये. इसमें से 40 कुआं का पुन: निर्माण कराया गया तथा 506 कुआं धंसने के बाद बंद हो गये.

2011 के बाद से मनरेगा की योजनाओं में कुआं को शामिल नहीं किया गया. जिला प्रशासन द्वारा इससे संबंधित रिपोर्ट मनरेगा आयुक्त को भेजी गयी है. विधान सभा समिति की तीन फरवरी को रांची में होने वाली बैठक के लिए मनरेगा आयुक्त ने सभी जिलों से धंसे हुए कुओं की रिपोर्ट मांगी थी.

जिले में नहीं लागू हो सकी इएफएमएस स्कीम
मनरेगा के जॉबकार्डधारियों के खाते में सीधे मजदूरी की राशि भेजने की इलेक्ट्रोनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम( इएफएमएस) स्कीम 27 जनवरी से लागू करना था, लेकिन तकनीकी कारणों से जिले में लागू नहीं हो सका. इएफएमएस स्कीम के लिए एसबीआइ बिष्टुपुर को नोडल बैंक बनाया गया था, लेकिन योजना शुरू नहीं हो सकी. इसे जल्द चालू करने का निर्देश दिया गया है.

मनरेगा में 29. 57 करोड़ खर्च
मनरेगा में शुक्रवार तक 29. 57 करोड़ रुपये खर्च किये गये. वित्तीय वर्ष में 87. 56 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य है.

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