जमशेदपुर: उपायुक्त कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों की संख्या लगातार बढ़ने के साथ ही, कुछ की तबीयत अब बिगड़ने लगी है. गुरुवार को आठ छात्रों की स्थिति गंभीर हो गयी. प्रशासन के सहयोग से आठों को एमजीएम अस्पताल में भरती कराया गया.
इनमें से एक वीरेंद्र कुमार को आइसीयू में भरती कराया गया, जबकि अवधेश, विजय प्रसाद, कुमार तरुण, सुनील, रीता सरदार, मिथिलेश व मो शहाबुद्दीन को जेनरल वार्ड में रखा गया है. 8.40 बजे रात में एसपी ने आंदोलनरत छात्रों को एक घंटे के अंदर हटने का अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद छात्रों का दल सिटी एसपी से मिला और अपना पक्ष रखा. समझा जाता है कि इसी के बाद एसपी दोबारा वहां नहीं पहुंचे. इधर देर रात आंदोलनरत छात्रों ने बताया कि एसडीओ ने कल पांच सदस्यीय छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को कोल्हान विवि के वरीय अधिकारी से बात करने के लिए चाईबासा भेजने की बात कही है. हालांकि वार्ता होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. देर रात पुलिस छात्रों को मनाने में जुटी हुई थी. छात्र स्पेशल एग्जाम व ग्रेस मार्क्स समेत सेकेंड सेमेस्टर के रिजल्ट की स्क्रूटनी का परिणाम घोषित करने के बाद ही थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा की मांग पर अड़े थे.
लिखित आश्वासन के बाद मुकरा विश्वविद्यालय
अनशन स्थल पर छात्रों ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि विश्वविद्यालय को छात्रों की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है. गत 9 जनवरी को विवि में धरना-प्रदर्शन के बाद अधिकारियों से वार्ता हुई. इसमें समझौता पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय द्वारा मांगें पूरी करने का आश्वासन देते हुए 20 जनवरी को पुन: वार्ता की तिथि तय की गयी. 20 जनवरी को आरवीएस, बीए व मैरीलैंड इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्रएं वहां पहुंचे, तो विश्वविद्यालय के कोई अधिकारी छात्रों से बात करने तक को तैयार नहीं हुए, उल्टे दूसरे दिन सुबह छात्रों पर लाठियां चटकीं, पानी की बौछार की गयी और स्थानीय स्टेडियम में अस्थायी जेल बना कर वहां रखा गया.
बेहतर प्रदर्शन करनेवाले भी फेल किये गये. छात्रों ने विवि पर कॉलेज में बेहतर प्रदर्शन करनेवाले छात्र-छात्रओं को भी फेल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वैसे विद्यार्थी जिनका इंटरनल परीक्षा में प्राप्तांक अच्छा रहता है, उपस्थिति व ओवरऑल प्रदर्शन भी अच्छा है, वैसे विद्यार्थी भी फेल हुए हैं,यह आश्चर्यजनक है.