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एमजीएम : एनेस्थीसिया न मिलने से महिला की मौत
जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल में एनेस्थीसिया न मिलने से शनिवार को एक महिला मरीज की मौत हो गयी. पोटका के काटा सोल निवासी सकरो मार्डी (70) पेट को दर्द की शिकायत पर 18 अगस्त को अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती कराया गया था. एचओडी डॉ हेमलाल मुर्मू ने महिला की आंत में संक्रमण बताते हुए […]
जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल में एनेस्थीसिया न मिलने से शनिवार को एक महिला मरीज की मौत हो गयी. पोटका के काटा सोल निवासी सकरो मार्डी (70) पेट को दर्द की शिकायत पर 18 अगस्त को अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती कराया गया था. एचओडी डॉ हेमलाल मुर्मू ने महिला की आंत में संक्रमण बताते हुए ऑपरेशन की सलाह दी थी. सकरो काे सर्जरी विभाग के डॉ एमके सिन्हा की यूनिट में रेफर कर दिया गया था. गंभीर स्थिति में शनिवार को सकरो को ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया. ऑपरेशन के लिए एनेस्थीसिया डॉक्टर पीके दत्ता को बुलाया गया.
सर्जरी विभाग के यूनिट हेड डॉ एमके सिन्हा का आरोप है कि विलंब से लगभग 11.30 बजे आये डॉ पीके दत्ता ने एनेस्थीसिया देने इनकार कर दिया. इसके कुछ देर बाद ही मरीज की मौत हो गयी. ऑपरेशन के लिए सकरो के पति सबुआ मार्डी आदि तीन यूनिट रक्त का इंतजाम कर अस्पताल में मौजूद थे. लेकिन, उन्हें मरीज के मौत की सूचना दी गयी.
यूनिट हेड ने एनेस्थीसिया डॉक्टर पर लगाया आरोप : एमजीएम अस्पताल में सर्जरी यूनिट हेड डॉक्टर एमके सिन्हा ने एनेस्थीसिया डॉक्टर पीके दत्ता पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत अस्पताल अधीक्षक से की है. डॉक्टर सिन्हा ने आरोप लगाया है कि समय पर एनेस्थीसिया नहीं देने के कारण मरीज का ऑपरेशन नहीं हो सका और उसकी मौत हाे गयी. उनका आरोप यह भी है कि एनेस्थीसिया नहीं दिये जाने के कारण शनिवार को ही एक अन्य महिला का भी ऑपरेशन टल गया.
एनेस्थीसिया के कारण एक और आॅपेरशन रुका : उधर, जवाहरनगर मानगो निवासी 30 वर्षीय एस परवीन का ऑपरेशन एनेस्थीसिया नहीं दिये जाने के कारण नहीं हो सका. एस परवीन को एक्यूट एपेंडिसाइटिस की शिकायत पर 19 अगस्त को एमजीएम के सर्जरी विभाग में भरती किया गया था. शनिवार को उनका ऑपरेशन किया जाना था. आरोप है कि ऑपरेशन के लिए डॉ पीके दत्ता को बुलाया गया. लेकिन, उन्होंने एनेस्थीसिया देने से इनकार कर दिया. इससे मरीज का ऑपरेशन नहीं हो सका. महिला के पति आरिफ इकबाल का कहना है कि ऑपरेशन डेट दिये जाने के बावजूद इलाज नहीं हो सका. डॉक्टर ने बताया कि एनेस्थीसिया के डॉक्टर नहीं होने के कारण ऑपरेशन नहीं किया जायेगा.
घटना की जानकारी मिली है. पहले भी ऐसा मामला सामने आने पर एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया था. शनिवार के पूरे मामले की जांच के बाद डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए विभाग के प्रधान सचिव सहित एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को लिखा जायेगा.
डॉ विजय शंकर दास, अधीक्षक (एमजीएम अस्पताल)
मरीज को एनेस्थीसिया दवा देने से इनकार करने का आरोप गलत है. सर्जरी में गंभीर मरीज का ऑपरेशन करना था. स्थिति ज्यादा खराब होने के कारण ऑपरेशन के पूर्व ही एक मरीज की मौत हो गयी. कोई भी डॉक्टर मरीज के साथ ऐसा नहीं कर सकता है. इसके बाद भी एक मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाना था, लेकिन मैंने पहले गंभीर मरीज के इलाज के लिए डॉक्टर से कहा था.
डॉक्टर पीके दत्ता, एनेस्थीसिया
एनेस्थीसिया डॉक्टर के खिलाफ अस्पताल अधीक्षक को लिखा पत्र
यह मरीज एक्यूट अप्रेसाइट्स का है, जिसका ऑपरेशन तुरंत होना चाहिए. जब डॉक्टर दत्ता को एनेस्थीसिया के इस इमरजेंसी ऑपरेशन के लिए बुलाया गया, तो वह ऑपरेशन थियेटर में अपशब्द व चिल्लाते हुए यह कहकर निकल गये कि मैं एनेस्थीसिया नहीं दूंगा. जिसको जो करना है कर ले. डॉक्टर दत्ता मानसिक रोगी हो गये हैं एवं इन्हें जल्द से जल्द मानसिक रोग अस्पताल रांची इलाज हेतु भेजने की जरूरत है. यदि इन्हें मानसिक अस्पताल नहीं भेजा गया तो, रोगी व डॉक्टर के लिए बहुत खतरनाक हो सकते हैं. अत: आपसे अनुरोध है कि जल्द से जल्द उचित कार्रवाई की जाये एवं यहां के मरीज की जान बचाने का उपाय किया जाये.
डॉ एन के सिन्हा, सर्जरी यूनिट इंचार्ज
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