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टाटा स्टील में अब तक लटका है मामला एनजेसीएस में वेज रिवीजन

जमशेदपुर: देश भर की स्टील कंपनियों के कर्मचारियों को 65 वें गणतंत्र दिवस पर तोहफा मिला है, एनजेसीएस का वेतन समझौता फाइनल कर दिया गया. एनजेसीएस में हुए वेज रिवीजन के तहत कर्मचारियों का वार्षिक इंक्रीमेंट तीन फीसदी ही होगा, जो पहले से भी है. इधर टाटा स्टील में अब भी वेज रिवीजन का मामला […]

जमशेदपुर: देश भर की स्टील कंपनियों के कर्मचारियों को 65 वें गणतंत्र दिवस पर तोहफा मिला है, एनजेसीएस का वेतन समझौता फाइनल कर दिया गया. एनजेसीएस में हुए वेज रिवीजन के तहत कर्मचारियों का वार्षिक इंक्रीमेंट तीन फीसदी ही होगा, जो पहले से भी है.

इधर टाटा स्टील में अब भी वेज रिवीजन का मामला लटका हुआ है. यहां वार्ता चल रही है. एनजेसीएस से पिछली बार ही टाटा स्टील बाहर हो गयी थी, जिसके बाद यह पहला मौका होगा कि कंपनी और यूनियन एनजेसीएस से बिल्कुल अलग स्वतंत्र तौर पर वेज रिवीजन समझौता करेगी.

वेज रिवीजन में खास
शनिवार को एनजेसीएस की बैठक नयी दिल्ली में हुई. इसमें एक जनवरी 2012 से लंबित कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गयी. वेज रिवीजन के तहत कर्मचारियों के 31 दिसंबर 2013 तक के बेसिक और डीए का 17 फीसदी एमजीबी तय किया गया. इसके तहत कर्मचारियों के वेतन में तीन हजार से लेकर 12 हजार रुपये तक की वृद्धि होगी.

यह भी तय किया गया कि कर्मचारियों का एलाउंस अब पर्क के रूप में जाना जायेगा. अब तक मिलनेवाले सभी भत्तों को पर्क में समाहित कर दिया गया है और पर्क बेसिक का छह फीसदी होगा. इस तरह जैसे-जैसे बेसिक बढ़ेगा, उसी आधार पर पर्क भी स्वत: बढ़ता चला जायेगा. उल्लेखनीय है कि पर्क अब तक अधिकारियों को ही मिला करता था. कर्मचारियों के लिए अब तक अलग-अलग एलाउंस के मद में फिक्स राशि होती थी.

नये वेज रिवीजन के तहत कर्मचारियों की एरियर राशि का 50 फीसदी इसी माह मिल जायेगा, जबकि 50 फीसदी हिस्सा छह माह के बाद मिलेगा. समझौते के तहत ठेका मजदूरों के भी वेतनमान में बढ़ोतरी की गयी है. बोकारो-राउरकेला में ठेका मजदूरों को 1500, भिलाई में 1300, दुर्गापुर में 750, इस्को में 1100, बोकारो एसआरयू में 1500 और भिलाई एसआरयू में 1300 रुपये ठेका मजदूरों को बढ़ कर मिलेगा.

टाटा स्टील में क्या है स्थिति

कई राउंड में मैनेजमेंट और यूनियन की बातचीत हो चुकी है

मैनेजमेंट ने दस साल के वेज रिवीजन का प्रस्ताव दिया, यूनियन पांच साल का डिमांड कर रही है

तीन से चार राउंड की वार्ता के बाद मैनेजमेंट ने सात साल के वेज रिवीजन का प्रस्ताव दिया, लेकिन यूनियन पांच साल पर अडिग

डीए में भी कटौती करने का प्रस्ताव मैनेजमेंट दे चुका है

समय को लेकर ही मामला रुका हुआ है और अब तक एमजीबी पर भी कोई फैसला नहीं हुआ है

टाटा स्टील वर्ष 2007 में ही एनजेसीएस से बाहर हो चुकी है

एक नवंबर 2008 में जो समझौता हुआ वह एनजेसीएस के बराबर किया गया लेकिन अब जो समझौता होगा उसमें एनजेसीएस की कोई भूमिका नहीं होगी.

हो रहा है प्रयास
एनजेसीएस से हम लोग अलग हो चुके हैं. स्थानीय स्तर पर टाटा स्टील में वेज रिवीजन होना है. हम लोग वार्ता कर रहे हैं, लेकिन समय सीमा को लेकर ही बातचीत रुकी हुई है. समझौता जल्द हो, इसके लिए हर संभव प्रयास चल रहा है.

पीएन सिंह, अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन

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