श्री पांडेय से कर्मचारी संतोष, संजय समेत अन्य लोगों ने कहा कि उन लोगों के भविष्य के बारे में विचार किया जाना चाहिए. कंपनी को या तो चालू कराया जाये या फिर उनका ऐसा सेटलमेंट कर दिया जाये, ताकि वे कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें. इस बारे में मैनेजमेंट से नये सिरे से बातचीत करने की मांग की गयी.
यूनियन ऑफिस में हो रही इस बातचीत के दौरान राकेश्वर पांडेय ने अपनी भी बात कही. कहा कि कुछ लोग बेवजह की राजनीति कर रहे हैं, जबकि इस मसले का हल वार्ता ही है. इस वार्ता के माध्यम से ही कोई रास्ता निकला जा सकता है. चूंकि, राज्य सरकार के स्तर पर भी इसको लेकर पहल की गयी है और बेहतर तरीके से समन्वय किया जा रहा है. कोशिश हो रही है कि कंपनी या तो चले या कर्मचारियों को बेहतर लाभ मिले. अब मैनेजमेंट से नये सिरे से बातचीत कर निश्चित तौर पर रास्ता निकालेंगे.