19 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

टाटा वर्कर्स यूनियन फिर संकट में, हाइकोर्ट ने शुरू की सुनवाई

जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन एक बार फिर संकट में आ चुकी है. यूनियन चुनाव को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में एक बार फिर से मामला चला गया है. इस मामले की बुधवार को अचानक सुनवाई हुई. विपक्ष की ओर से सीनियर भगवान सिंह, पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय के केस पर सुनवाई हुई. इस सुनवाई की […]

जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन एक बार फिर संकट में आ चुकी है. यूनियन चुनाव को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में एक बार फिर से मामला चला गया है. इस मामले की बुधवार को अचानक सुनवाई हुई. विपक्ष की ओर से सीनियर भगवान सिंह, पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय के केस पर सुनवाई हुई.
इस सुनवाई की जानकारी यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद से लेकर किसी भी पदाधिकारी तक को नहीं थी. सारे लोग चुप्पी साधे हुए थे. इस केस के साथ ही कमेटी मेंबर इ सतीश कुमार की याचिका को भी जोड़ दिया गया है, जिसकी एक साथ सुनवाई शुरू की गयी. इसी बीच सत्ता पक्ष का केस देखने वाले अधिवक्ता राजीव रंजन पहले से ही कोर्ट में थे. उनको अचानक दिखा कि यूनियन की सुनवाई हो रही है. आनन-फानन में अधिवक्ता राजीव रंजन ने तत्काल सुनवाई की जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए एक पीटिशन दाखिल कर दिया और एक सप्ताह का समय मांगा. इसके बाद कोर्ट ने एक सप्ताह में सारे पक्षों को तैयारी के साथ आने के निर्देश दिये. अगले सप्ताह फिर सुनवाई होगी.
भगवान सिंह व रघुनाथ पांडेय के केस में क्या है दलील
भगवान सिंह के केस संख्या डब्ल्यूपीएल 1533/2015 और रघुनाथ पांडेय के केस संख्या डब्ल्यूपीएल 1494/2015 को अलग-अलग केस दायर किया गया था. इन दोनों केस में एक ही दलील थी कि जो चुनाव 8 मार्च 2015 को जिला प्रशासन की ओर से कराया गया था, उस केस में यह मांग की गयी थी कि जो चुनाव कराया गया था, उसमें कमेटी मेंबर के चुनाव में अलग प्रक्रिया अपनायी गयी थी जबकि पदाधिकारियों के चुनाव में अलग-अलग प्रक्रिया अपनायी गयी है, जिस कारण चुनाव को ही खारिज कर देना चाहिए.
क्या है इ-सतीश के केस में दलील
कमेटी मेंबर इ-सतीश कुमार के केस में यह दलील दी गयी है कि नये सिरे से चुनाव कराया जाना चाहिए क्योंकि जो चुनाव 8 मार्च 2015 को हुआ था, उस वक्त पुराना ही संविधान लागू था, जिस कारण अब दो साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है. नये सिरे से जो संविधान लागू किया गया है, उसको नये कार्यकाल से ही लागू कराया जाना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें