उक्त बातें भुवनेश्वर से आये डॉक्टर सौभाग्य कुमार जेना ने कहीं. वह रविवार को बारीडीह स्थित मर्सी अस्पताल क्लीनिकल सोसाइटी द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि थायराइड ग्रंथि का प्रजनन में अहम रोल होता है. हार्मोनल असंतुलन थायराइड की समस्याओं का कारण होता है.
सेमिनार में हैदराबाद से आये डॉक्टर एन के पाणिग्रही ने बताया कि बच्चों में थायराइड की बीमारी तेजी से फैल रही है. चार साल पहले जहां चार हजार में एक या दो बच्चे इससे पीड़ित थे आज 1200 बच्चों में दो या तीन इस बीमारी से जूझ रहे हैं. इसका कारण आयोडिन की कमी है. बच्चों का अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो ब्रेन हेमरेज हो सकता है. इसके पहले कार्यक्रम का उद्घाटन एक्सएलआरआइ के फादर ओस्वाल्ड मासकरेनहास एसजे व डॉ निर्मल कुमार ने संयुक्त रूप से किया. इस दौरान मर्सी अस्पताल की हेड सिस्टर जस्सी, डाॅ बीआर मास्टर, डॉ तामल देव, डॉ मनोज कुमार, डॉ दीपक गिरी, डॉ रजनी, डॉ एचआइ पांडे, डॉ एसी अखौरी, डॉ राजेश, आइएमए सचिव डॉ मृत्युंजय सिंह आदि मौजूद थे.