जमशेदपुर: स्व परमेश्वर दुबे शाहाबादी की चर्चा किये बिना जमशेदपुर में भोजपुरी साहित्य की चर्चा नहीं की जा सकती. लेकिन जिस संस्था के गठन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, वह संस्था भी शाहाबादी जी को भूल गयी, वैसे में सिंहभूम जिला भोजपुरी साहित्य परिषद उन्हें उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए आयोजन कर रही है, यह संतोष की बात है.
उक्त बातें साहित्यकार दिनेश्वर प्रसाद सिंह ‘दिनेश’ने सोमवार को भोजपुरी-हिंदी के गीत, नवगीत एवं व्यंग्य के चर्चित रचनाकार स्व डॉ परमेश्वर दुबे शाहाबादी को उनकी 32वीं पुण्यतिथि पर आयोजित स्मृति सह काव्य गोष्ठी को संबोधित करते हुए कही. साकची गांधी घाट परिसर में परिषद अध्यक्ष गंगा प्रसाद अरुण की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि परिषद ने भोजपुरी संस्कार को आधार देने वाले स्व शाहाबादी को याद कर भोजपुरी संस्कारों को सबल बनाने का काम किया है.
विशिष्ट अतिथि प्रो हरेंद्र प्रताप सिंह ने स्व शाहाबादी भोजपुरी को बोली से भाषा का दर्जा दिलाने वाले साहित्यकारों में प्रमुख बताया तथा स्व शाहाबादी के शोध प्रबंध एवं उनकी रचनाओं का संकलन कर प्रकाशित करने तथा उन्हें भोजपुरी पाठय़क्रम में शामिल कराने का आह्वान किया. विशिष्ट अतिथि सीपी सिंह (मुखिया) ने कहा कि भोजपुरी के लिए जिन्होंने काम किया, उन्हें याद करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने भोजपुरी के नाम पर अभद्रता एवं ईलता का प्रसार करने वालों को भोजपुरी संस्कृति को दफन करने वाला करार दिया.
दूसरे चरण में उपस्थित लोगों ने स्व परमेश्वर दुबे शाहाबादी की कविताओं का पाठ किया. प्रधान सचिव अरविंद विद्रोही ने आगत अतिथियों का स्वागत, जबकि मनोकामना सिंह ‘अजय’ ने कार्यक्रम का संचालन किया. कार्यक्रम में शैलेंद्र पांडेय ‘शैल’, डॉ अमर कुमार सिंह, सुरेश मिश्र ‘सुरेश’, कृष्ण कुमार पांडेय, डॉ संजय पाठक, अरुण कुमार पांडेय ‘अरुणोंदु’, देवनाथ शर्मा, कौलेश्वर पांडेय आदि अनेक राजेश आदि साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित थे.