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जिला सदर अस्पताल. डॉक्टर के अभाव में तीन ओपीडी बंद
जमशेदपुर: जिला सदर अस्पताल के उद्घाटन हुए तीन साल भी नहीं गुजरे कि डॉक्टर के अभाव में अस्पताल के तीन अहम विभाग बंद हो गये, जबकि कई विभाग बंदी के कगार पर हैं. वहीं मेडिसिन, गायनिक व शिशु वार्ड के बचे डॉक्टरों द्वारा हर विभाग में मरीजों को देखने का काम किया जा रहा है. […]
जमशेदपुर: जिला सदर अस्पताल के उद्घाटन हुए तीन साल भी नहीं गुजरे कि डॉक्टर के अभाव में अस्पताल के तीन अहम विभाग बंद हो गये, जबकि कई विभाग बंदी के कगार पर हैं. वहीं मेडिसिन, गायनिक व शिशु वार्ड के बचे डॉक्टरों द्वारा हर विभाग में मरीजों को देखने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही ऑपरेशन का भी काम बाधित हो रहा है. इससे मरीजों सहित डाॅक्टरों को काफी परेशानी हो रही है. सदर अस्पताल खुलने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी थी, लेकिन उन्हें क्या पता था कि जल्द ही इसके एक-एक विभाग बंद हो जायेंगे. इसके खुलने से एमजीएम अस्पताल पर लोड कम हो गया था.
अस्पताल में सिर्फ नौ डॉक्टर : 100 बेड के अस्पताल के लिए डॉक्टरों का 31 पोस्ट है, जिसमें 12 डॉक्टर काम कर रहे थे. उसमें से भी सरकार ने डॉ आलोक रंजन महतो, डॉ सुनील कुमार व डॉ सुभाष मोदी को एमजीएम अस्पताल नियुक्त कर दिया. इसके कारण अब नौ डॉक्टर ही बचे हैं. उनके द्वारा अस्पताल के तीनों शिफ्ट में मरीजों को देखने के साथ ओपीडी, इमरजेंसी, ओटी, वार्ड सब कुछ देखना पड़ रहा है. इससे मरीजों सहित डाॅक्टरों को भी काफी परेशानी हो रही है.
अस्पताल में होता है प्रतिदिन हंगामा : अस्पताल में प्रतिदिन 100 से ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. अस्पताल में डाॅक्टरों की कमी के कारण ओपीडी व इमरजेंसी में प्रतिदिन हंगामा होता है. वहीं सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ विभा शरण ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण काफी परेशानी हो रही है. इसके लिए सिविल सर्जन सहित स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र लिखा गया है. वहीं किसी प्रकार से अस्पताल को चलाने का काम किया जा रहा है.
अस्पताल में आर्थो व सर्जरी के डॉक्टर नहीं : सदर अस्पताल में आर्थो व सर्जरी के डॉक्टर नहीं होने के कारण यह विभाग बंद है. डॉक्टर आलोक रंजन महतो व डॉक्टर सुनील कुमार को हटा कर एमजीएम अस्पताल कर दिया गया है. इसके कारण अस्पताल में आर्थो व सर्जरी में कोई डॉक्टर नहीं है. गंभीर चोट होने पर मरीज को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल भेज दिया जाता है. इसके साथ ही आई के डाॅक्टर का पहले ही स्थानांतरण कर दिया गया था, जिससे वहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानी होती थी.
ट्रामा सेंटर के खुलने पर भी लगा ग्रहण : झारखंड सरकार द्वारा कुछ दिन पहले डाॅक्टरों को स्थानांतरण एक जगह से दूसरे जगह कर दिया. इसका असर कई विभागों पर पड़ा है. एक ओर जहां सदर अस्पताल में तीन विभाग बंद हो गये वहीं बहरागोड़ा स्थित ट्रामा सेंटर के खुलने पर भी ग्रहण लग गया है. ट्रामा सेंटर में सर्जन डॉक्टर शिव चंद्रिका हांसदा को नियुक्त किया गया था. उनको भी हटा कर एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया. इसके चलते वहां एक क्लर्क को छोड़कर कोई नहीं है.
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