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क्या है सच: नयीबाजार में वृद्धा की मौत, हंगामा
मुजफ्फरपुर : नयी बाजार सब्जी मंडी निवासी वृद्धा बालकेसरी देवी (80) की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी. चार दिन पूर्व से उसे किसी ने कमरे के बाहर नहीं देखा था. उसके कमरे से बदबू आने के बाद स्थानीय लोगों ने किवाड़ तोड़ उसके शव को निकाला. बालकेसरी की मृत्यु से आक्रोशित लोगों ने उसकी […]
मुजफ्फरपुर : नयी बाजार सब्जी मंडी निवासी वृद्धा बालकेसरी देवी (80) की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी. चार दिन पूर्व से उसे किसी ने कमरे के बाहर नहीं देखा था. उसके कमरे से बदबू आने के बाद स्थानीय लोगों ने किवाड़ तोड़ उसके शव को निकाला. बालकेसरी की मृत्यु से आक्रोशित लोगों ने उसकी बहू पुनीता व पुत्र ललन के साथ मारपीट की. बाद में नगर पुलिस के वहां पहुंचने के बाद स्थानीय लोग शांत हुए. पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया है. पुलिस ललन के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
तीन दिन पहले से अपने कमरे में बंद थी बालकेसरी. नयी बाजार की बालकेसरी देवी तीन दिन पूर्व 7 मई से ही अपने कमरे में बंद थी. सात मई की 11 बजे वह खाना-खाने के बाद अपने कमरे में गयी उसके बाद वहां से बाहर नहीं आयी. पुलिस को दिये बयान में ललन ने कहा कि बालकेसरी देवी के पति स्व कन्हाई चौधरी को कोई संतान नहीं था. इसलिए उन्होंने उसे बचपन में ही गोद ले लिया था. उसे पढ़ाया-लिखाया और उसकी शादी भी कर दी. नयी बाजार सब्जी मंडी में सड़क के दाेनों ओर बालकेसरी का घर है. एक घर में ललन अपने परिवार के साथ रहता है. वहीं बालकेसरी दूसरे मकान में उपड़ के मंजिल पर रहती है. नीचे का मकान किराये पर लगा है. ललन ने बताया कि 80 वर्षीया बालकेसरी देवी को हाई ब्लड प्रेसर की बीमारी थी. इसके लिए वह हमेशा दवा का सेवन भी करती थी. मकान के किराये के अतिरिक्त ललन उसे प्रतिमाह दो हजार रुपये भी देता था. सात मई को खाना खाने के बाद बालकेसरी अपने कमरे में गयी. उसके बाद वह घर से बाहर नहीं आयी. सोमवार को तीसरे दिन भी जब वह दिखायी नहीं दी तो ललन उसके उसके कमरे के पास जाकर ग्रिल के अंदर झांका. बालकेसरी अपने कमरे के अंदर फर्श पर गिरी हुई थी. कमरे से दुर्गंध भी आ रहा था. स्थानीय लोगों के सहयोग से उसके कमरे का दरवाजा तोड़ शव को बाहर निकाला गया. उसने पुलिस को बताया कि तीन दिन पूर्व खाना खाकर जब वह अपने कमरे के अंदर गयी होगी तो उसका ब्रेन हेमरेज कर गया होगा. इसी कारण उसकी मृत्यु भी हुई होगी.
चार दिनों पूर्व खाना बंद करने का पड़ोसियों से की थी शिकायत. बालकेसरी देवी का पुत्र ललन व बहू पुनिता देवी ने नहीं बनता था. वह हमेशा इन दोनों पर धन हड़पने के लालच में प्रताड़ित करने का आरोप लगा रही थी. मृत्यु के चार दिन पूर्व भी बालकेसरी देवी ने अपने पड़ोसियों से ललन व पुनिता द्वारा खाना बंद कर देने का आरोप लगायी थी. यहीं कारण था कि उसकी मृत्यु के बाद स्थानीय लोग उग्र थे. स्थानीय लोगों ने ललन व पुनीता के साथ मारपीट भी की. लोगों के आक्रोश को देखते हुए दाेनों अपना घर छोड़ भाग गये थे. बाद में जब नगर थाना पुलिस वहां पहुंची तब दोनों वहां पहुंचे.
महिला थाना पुलिस से भी कई बार कर चुकी थी शिकायत. बालकेसरी देवी एक वर्ष पूर्व से महिला थाना पुलिस से अपने पुत्र ललन व बहू पुनीता की शिकायत कर रही थी. अगस्त 2015 में बालकेसरी देवी ने महिला थाना पर एक शिकायती आवेदन दिया था. जिसमें इन दोनों द्वारा मारपीट करने,खाना-पानी तक बंद कर देने और घर से निकालने की शिकायत की गयी थी. उसके इस शिकायत पर महिला थाना पुलिस नई बाजार पहुंच कर उसके पुत्र ललन व बहू पुनीता को फटकार भी लगायी थी. महिला थाना पुलिस के कौंसलिंग के बाद ही बालकेसरी को भरण-पोषण के लिए ललन प्रतिमाह दो हजार रुपये देना शुरू किया था.
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