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टाटा स्टील में टेस्ट को लेकर कर्मचारी सहमे
जमशेदपुर : टाटा स्टील में नये सिरे से लिये जा रहे टेस्ट से कर्मचारी सहमे हुए हैं. टेस्ट में फेल हो गये या कम अंक आया तो कैसे नौकरी बचेगी, इसको लेकर वे तनाव में हैं. इसको लेकर यूनियन में भी बेचैनी है. मजदूरों की परेशानी का उनकी ओर से अब तक कोई तार्किंक जवाब […]
जमशेदपुर : टाटा स्टील में नये सिरे से लिये जा रहे टेस्ट से कर्मचारी सहमे हुए हैं. टेस्ट में फेल हो गये या कम अंक आया तो कैसे नौकरी बचेगी, इसको लेकर वे तनाव में हैं. इसको लेकर यूनियन में भी बेचैनी है. मजदूरों की परेशानी का उनकी ओर से अब तक कोई तार्किंक जवाब नहीं आया है. टेस्ट से तय हो रही है मजदूरों की दक्षता : इस पूरे टेस्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि जिस तरह का टेस्ट लिया जा रहा है, वह कर्मचारियों का भविष्य तय करेगा. वर्तमान में भले इसको ट्रेनिंग की जरूरतों का आधार बताया जा रहा है लेकिन इस टेस्ट से यह तो तय हो जायेगा कि कौन व्यक्ति कितना दक्ष है.
यह रिकाॅर्ड कंपनी के पास सुरक्षित रहेगा. जरूरत पड़ने या इएसएस या अन्य योजना के मद में इसी रिकॉर्ड के आधार पर कम अंक वाले की छुट्टी हो सकती है. पहले से ही कर्मचारियों का स्वास्थ्य संबंधी रिकाॅर्ड तैयार किया जा चुका है. इससे हर विभाग के कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं.
भरोसा रखें, टेस्ट से नौकरी को खतरा नहीं
ट्रेनिंग की जरूरतों के हिसाब से टेस्ट लिया जा रहा है. किस व्यक्ति को किस स्तर की ट्रेनिंग की जरूरत है इससे यह पता चल पायेगा. कमचारियों की नौकरी पर कोई खतरा नहीं है, इसकी गारंटी हम लोग दे सकते हैं. मजदूरों को यूनियन पर पूरा भरोसा रखना चाहिए और किसी तरह के खतरे की बात नहीं है.
-संजीव चौधरी, डिप्टी प्रेसिडेंट,टीडब्ल्ययू
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