जमशेदपुर: जमशेदपुर परिवहन कार्यालय से हेवी लाइसेंस बनना बंद है. हेवी लाइसेंस बंद होने की वजह से बड़े वाहनों (बस,ट्रक, ट्रेलर या छह चक्का से अधिक ) को चलाने के लिए लाइसेंस निर्गत नहीं किये जा रहे हैं. पूर्व में एक निजी मोटर वाहन प्रशिक्षण केंद्र को सरकारी मान्यता थी. जिसके प्रमाण पत्र के आधार पर जिला परिवहन कार्यालय द्वारा चालकों को हेवी लाइसेंस निर्गत किये जाते थे. वर्तमान में उसकी मान्यता समाप्त है. इसकी वजह से हेवी लाइसेंस परिवहन विभाग ने निर्गत करना बंद कर दिया है. हेवी लाइसेंस बंद होने से कई तरह के फरजी लाइसेंस बनाये जा रहे हैं.
जमशेदपुर में मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्र नहीं
जमशेदपुर से हेवी वाहनों को चलाने का प्रशिक्षण देने का फिलहाल कोई सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थान नहीं है. इसकी वजह से बड़े वाहन चलाने वाले चालकों को लाइसेंस बनाने में परेशानी हो रही है. शहर में केवल चार पहिया वाहनों की ट्रेंनिग कुछ संस्थाओं द्वारा दिलायी जाती है. जबकि सरकारी मान्यता प्राप्त बड़े वाहनों के लिए प्रशिक्षण के लिए कोई केंद्र नहीं है.
आलू छाप लाइसेंस की भरमार
हेवी लाइसेंस जिला परिवहन कार्यालय से नहीं बनने से शहर में आलू छाप हेवी लाइसेंस की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. चालक आलू छाप हेवी लाइसेंस बना रहे हैं. आलू छाप लाइसेंस बिहार, बंगाल,ओड़िशा के जिलों के नाम से दिये जा रहे हैं.
16 से 18 साल के चालकों को बिना गियर का लाइसेंस
16 से 18 साल के युवकों को भी बिना गियर वाले वाहन चलाने का लाइसेंस दिये जाते हैं. आवेदक को टेस्ट से गुजरना होता है. टेस्ट में पास होने पर ही परिवहन विभाग 16 से 18 साल के उम्र के युवक-युवतियों को लाइसेंस जारी करता है. वाहन टेस्टिंग की जांच डीटीओ, एमवीआइ एवं ट्रैफिक डीएसपी संयुक्त रूप से करते हैं. सप्ताह में दो दिन ( मंगलवार, गुरुवार) को जांच अभियान साकची आम बागान मैदान में होता है.