जमशेदपुर: चक्रधरपुर मंडल रेल प्रबंधन ने पेरियोडिक मेडिकल एक्जामिनेशन (पीएमइ) में छुट्टी का दायरा हटाते हुए जांच होने तक कर्मचारियों को छुट्टी देने की घोषणा की है. यह घोषणा मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक व टीम के साथ हुए डिवीजनल पीएनएम में डीआरएम राजीव अग्रवाल ने की.
यहां बता दें कि मौजूदा व्यवस्था में जांच के लिए कर्मचारियों को रेलवे तीन दिनों की छुट्टी देता था, लेकिन बंडामुंडा, राउरकेला, टाटा, डांगुवापोसी में चिकित्सक नहीं होने के कारण इन स्टेशनों के कर्मचारियों को पीएमइ के लिए चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल जाना पड़ता है. ऐसे में तीन दिन में पीएमइ नहीं हो पाता, और कर्मचारियों को इसके लिए अतिरिक्त छुट्टी लेनी पड़ती है. मेडिकल मैनुअल के पारा 524 के आलोक में यह तय किया गया कि पीएमइ होने तक कर्मचारी को छुट्टी दी जायेगी तथा रेल कर्मियों को इसके लिए छुट्टी नहीं लेनी पड़ेगी.
चक्रधरपुर मंडल रेल के सभागार में गुरुवार को मंडल रेल प्रबंधक राजीव अग्रवाल की अध्यक्षता में पीएनएम शुरू हुई. पहले दिन पीएमइ के अलावा रेल क्वार्टरों की जजर्रावस्था के कारण कर्मचारियों को हो रही परेशानी का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाते हुए इसके कारण कर्मचारियों के ससमय डय़ूटी प्रभावित होने की बात भी कही गयी. इस समस्या से निपटने के लिए रेल प्रशासन से प्राइवेट क्वार्टर या फ्लैट में रहने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया. डीआरएम ने इस मुद्दे पर विचार कर जल्द निर्देश देने का वादा किया. मंडल मेंस कांग्रेस संयोजक ने डीआरएम के समक्ष पीएनएम में तय रेलवे एवं रेल कर्मियों से संबंधित कार्यो को समय पर पूरा कराने का मुद्दा भी उठाया, जिसे डीआरएम ने गंभीरता से लिया.
पीएनएम में ये उपस्थित थे:डीआरएम के अलावा एडीआरएम नवीन तलवार व पूर्व एडीआरएम वासुदेव पंडा समेत सभी विभागों के वरीय पदाधिकारी,मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक एसआर मिश्र, शशि मिश्र, पीके मोदक, पीके ठाकुर, आरएम राव, केसी महापात्र, सुभाष मजुमदार आदि उपस्थित थे. पूर्व एडीआरएम को विदाई, नये का स्वागत: रेलवे सभागार में आयोजित पीएनएम में मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक एसआर मिश्र ने चक्रधरपुर डिवीजन के नये एडीआरएम नवीन तलवार का शॉल ओढ़ा कर अभिनंदन किया. वहीं पूर्व एडीआरएम वासुदेव पंडा को गुलदस्ता देकर विदाई दी गयी. इस मौके पर मेंस कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता उपस्थित थे.
क्या है पीएमइ : रेल रनिंग स्टाफ (रेल चालक व गार्ड एवं संरक्षा से जुड़े कर्मचारियों) की शारीरिक जांच की प्रक्रिया है. इसमें कर्मचारियों के नेत्र, हृदय, रक्तचाप, मधुमेह आदि की जांच की जाती है, जिसके आधार पर ही रेलवे के चिकित्सक उन्हें कार्य के लिए फिट या अनफिट करार देते हैं.