जमशेदपुर: टाटा स्टील को सैरात की जमीन देने पर नया पेंच फंस गया है. उपायुक्त ने सैरात (बाजार) को लेकर टाटा स्टील से पूरे एसेट्स की जानकारी मांगी है . इसकी लिस्टिंग करने को कहा है.
कितने दुकान हैं, कितने से वसूली होती हैं. इसका पूरा दस्तावेज तैयार करने को कहा गया है. अस्थायी और स्थायी दुकानों की सूची, किससे वसूली हो रही है, इसकी जानकारी मांगी गयी है. बताया जाता है कि डीसी ने इस मसले पर अपना मंतव्य फाइल पर लिख दिया है और इसकी संभावना तलाशने का आदेश दिया है. आदेश के आलोक में कार्रवाई करने को कहा गया है. यह भी निर्देश दिये गये हैं कि जब तक सैरात (बाजार) की जमीन का नवीनीकरण नहीं हो जाता है, तब तक टाटा स्टील ही सैरात पर बसी दुकानों की राशि वसूलती रहेगी. यह मामला अब कमिश्नर के पास भेजा जायेगा. इसके बाद ही किसी तरह का कोई कदम उठाया जायेगा.
क्या है सैरात जमीन का मामला
शहर के जितने भी बाजार सैरात की जमीन के अंतर्गत आते हैं, सभी को टाटा स्टील ने ही बसाया था. बाद में सरकार ने इसका टेकओवर कर लिया और तीन साल के लिए टाटा स्टील को केयरटेकर के रूप में दिया गया. इसके बदले सरकार को टैक्स कलेक्ट कर टाटा स्टील पैसे देती है और अपने पास सिर्फ पांच फीसदी हिस्सेदारी रखती है.
नये प्रावधान से क्या होगा : टाटा स्टील द्वारा वसूले जा रहे टैक्स की वसूली सुनिश्चित होगी और सरकार को बेहतर सूचना भी मिलेगा
डॉक्यूमेंटेशन के बाद ही कुछ हो सकता है
हमने कहा है कि पूरे दस्तावेज का डॉक्यूमेंटेशन कर लिया जाये. तमाम जानकारी हासिल कर ली जाये कि कितनी दुकानें हैं, कितना एसेट्स हैं. इसके बाद ही नवीनीकरण को लेकर किसी तरह का कोई कदम उठाया जा सकता है.-डॉ अमिताभ कौशल,उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम