जमशेदपुर: शहर में लगातार हो रही घटनाओं ने वर्ष 2009-10 के सीरियल क्राइम जैसा खौफ उत्पन्न कर दिया है. पुलिस एक घटना का खुलासा का दावा करती है तब तक दूसरी घटना हो जाती है. अपराधियों में पुलिस के प्रति खौफ नहीं के बराबर रह गया है. एक दर्जन से अधिक मामलों ने पुलिस सहित शहरवासियों को चिंतित कर दिया है. इनमे से किसी मामले में पुलिस को बड़े संगठित गिरोह के अपराधियों का नाम नहीं मिला है.
शहर के छिटपुट अपराधी इन घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती दे रहे हैं. पुलिस ने उन मामलों को तो सुलझा लिया जिसमें आपसी रंजिश के तहत अपराध हुए. लेकिन पेशेवर तरीके से हुई घटनाओं के उद्भेदन में पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. फायरिंग, हत्या, लूट, हत्या के प्रयास से इतर शहर की सड़कों पर व्यवसायी, महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. आधा दर्जन से ज्यादा छिनतई की घटना शहर में पिछले दो माह के दौरान हुए हैं.
इन घटनाओं में पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी सुनिश्चित नहीं कर पायी है. सबसे ताजा मामला कोलकाता के व्यवसायी से टाटानगर रेलवे स्टेशन मुख्य गेट के पास हुई 2.5 लाख रुपये की लूट है. इन सबके अलावा चोरों ने भी शहरवासियों को आतंकित कर रखा है. पूर्व एसएसपी रिचर्ड लकड़ा ने भी चोरी को अपने कार्यकाल की बड़ी परेशानी बतायी थी. अभी भी चोरी पूरे शहर में बदस्तूर जारी है. शहर का कोई इलाका इससे बचा नहीं है.