जमशेदपुर: टाटा स्टील में घूस देने वाली एक ठेका कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. टाटा स्टील के एक पदाधिकारी व एक ठेका कर्मचारी ने अपनी ईमानदारी की मिसाल पेश की है. उक्त पदाधिकारी और कर्मचारी को इसके लिए कंपनी ने सम्मानित भी किया है. टाटा स्टील के स्पेयर्स मैनुफैरिंग विभाग (एसएमडी) की एक निजी ठेका कंपनी के सीइओ ने टाटा स्टील में रजिस्ट्रेशन को अपने सहकर्मी के साथ दौरा किया.
वे कंपनी में वेंडर रजिस्ट्रेशन (ठेका निबंधन) प्रक्रिया की जानकारी चाहते थे. टाटा स्टील के एसएमडी के मैनेजर आउटसोर्सिग सुमन कुमार सिंह इस बातचीत में शामिल हुए. चर्चा के बाद आगंतुकों ने श्री सिंह को खाने की कुछ चीजें भेंट की, जिसे श्री सिंह ने इनकार कर दिया. लेकिन उनके द्वारा बार-बार आग्रह करने के बाद श्री सिंह ने एक सामान्य शिष्टाचार समझ कर कमरे में ही मिठाई का डिब्बा रख देने को कहा. इसके बाद श्री सिंह अनुबंध पर कार्य कर रहे पैंट्री ब्वाय प्रकाश क्षत्रिय को सभी कर्मचारियों के बीच मिठाई बांटने की बात कह कर कमरे से बाहर चले गये.
लेकिन श्री प्रकाश हड़बड़ाते हुए वापस श्री सिंह के पास पहुंचे और बताया कि कमरे में टेबुल पर ड्राइ फ्रुट्स पैकेट के नीचे हजार रुपये के नोटों से भरा एक लिफाफा पड़ा है. श्री सिंह तत्काल कमरे में गये और लिफाफे की जांच की. इसमें हजार रुपये के कई नोट रखे हुए थे. उन्होंने एथिक्स काउंसिलर सतीश गणपति और आउटसोर्सिग के हेड के माध्यम से इसकी सूचना एथिक्स काउंसिलर को दी. काउंसिलर ने पार्टी को बुलाया. काफी पूछताछ के बाद पार्टी ने स्वीकार कर लिया कि चूंकि टाटा स्टील में रजिस्ट्रेशन को लेकर वे अति उत्साह में थे, इस कारण उन्होंने एक लिफाफे में 20 हजार रुपये रख दिये थे. उन्होंने माना कि यह उनकी भारी भूल थी. लेकिन ऐसा कर उन्होंने टाटा स्टील में रजिस्ट्रेशन का मौका खो दिया और टाटा स्टील ग्रुप की कंपनियों में ब्लैक लिस्टेड कर दिया.