जमशेदपुर: टाटा स्टील के विस्तारीकरण प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के बाद अब लगभग सभी विभागों के मैनपावर की पुनर्समीक्षा शुरू हो गयी है. कुछ पुराने प्लांट को बंद करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है. इसके तहत ए टू एफ ब्लास्ट फर्नेस के तीन फर्नेस (ए फर्नेस, बी फर्नेस और इ फर्नेस) को बंद कर दिया गया है. सी फर्नेस, डी फर्नेस और एफ फर्नेस का संचालन जारी है, लेकिन कालांतर में भी अत्याधुनिक एच व आइ ब्लास्ट फर्नेस के अलावा अन्य फर्नेस इसकी जगह लेने जा रहा है. इसके तहत कर्मचारियों को सरप्लस किया जायेगा. कुछ कर्मचारी जो एडजस्ट हो जायेंगे, उनको विभागों में एडजस्ट कर दिया जायेगा और जो नहीं हो सके, उनको सरप्लस पूल में भेज दिया जायेगा.
अकेले ब्लास्ट फर्नेस में करीब 250 से 300 कर्मचारी प्रभावित होने की उम्मीद है, जिसको लेकर मैनेजमेंट की ओर से प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. मैनेजमेंट ने इसको लेकर यूनियन को प्रस्ताव दिया है. यूनियन के पदाधिकारियों की 30 दिसंबर को जेनरल ऑफिस में अपराह्न् तीन बजे से बैठक बुलायी गयी है. कई सब सेक्शन पर लटकी तलवार : इससे जुड़े रॉ मैटेरियल मैनेजमेंट (आरएमएम) के भी कई सब सेक्शन को बंद किया जाना है और कई कार्य को सीधे रेलवे को ही सौंप दिया गया है. इसके बाद वहां भी कर्मचारी सरप्लस होने के कगार पर पहुंच चुके हैं. इसको लेकर नये सिरे से मैनपावर को तय करने का प्रस्ताव यूनियन के पास लंबित है. सरप्लस पूल में यहां से भी कर्मचारियों को भेजा जायेगा. वैसे यह कोशिश यूनियन की ओर से की जा रही है कि सरप्लस पूल में कर्मचारियों को कम से कम भेजा जाये.
कई कर्मचारियों का समायोजन भी हुआ
तीनों ब्लास्ट फर्नेस के कर्मचारियों को ट्रैफिक सेक्शन व एचएमएल विभाग में समायोजित भी किया जा चुका है. लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में नये सिरे से मैनपावर तय करने के लिए मैनिंग का प्रस्ताव दे दिया गया है.
इससे पहले भी बंद होते रहे हैं प्लांट
पहले भी इस तरह के प्लांट विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण में बंद होते रहे हैं. इनके कर्मचारियों को इएसएस दिया जाता रहा है या सरप्लस पूल में भेजे जाते रहे हैं. पूर्व में बंद होने वाले प्लांट में प्लेट मिल, एसएमएस 1, एसएमएस 2, बार फोजिर्ग एंड टायर मिल, आरएम 1, आरएम 2, मीडियम लाइट, शीट मिल, जेनरल फाउंड्री शामिल हैं.
मैनेजमेंट से प्रस्ताव पर बात होगी
ब्लास्ट फर्नेस के प्रस्ताव पर बात होगी. यह सतत प्रक्रिया का हिस्सा है. विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण के लिए निश्चित तौर पर प्लांट बंद होते रहे हैं और उसके स्थान पर नये प्लांट आया है. मैनिंग के प्रस्ताव पर बात करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाता है.
-बीके डिंडा, महामंत्री, टाटा वर्कर्स यूनियन