जमशेदपुर: भूकंप से बचाव करने वाले बार और स्टील के निर्माण के लिए नये केमिकल सोल्यूशन की खोज और रिसर्च करने में जेमीपॉल कंपनी ने सफलता पायी है. बर्मामाइंस स्थित इस कंपनी के ही आंतरिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग की ओर से एक नया सोल्यूशन विकसित किया है, जिसके जरिये स्टील में प्रयोग होने वाले फोस्फोरस और सल्फर में कटौती हो जायेगी, जिससे किसी तरह का भूकंप के झटके से बिल्डिंग और कोई भी निर्माण कार्य बच सकता है. यह अपने तरीके का विश्व का पहला खोज है, जिसको भारत सरकार के इस्पात मंत्रलय को भेजा गया है और इसका पेटेंट कराने की दिशा में कंपनी आगे बढ़ चुकी है.
यह जानकारी जेमीपॉल के एमडी आदर्श अग्रवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दी. गोलमुरी क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में श्री अग्रवाल के अलावा सीनियर जीएम ऑपरेशन जयंत राय, जीएम कॉमर्शियल राजेश सिंह, रॉ मैटेरियल का प्रोसेसिंग देखने वाले एचएस संधु समेत कई अन्य मौजूद थे.
बताया गया कि अब तक जो प्रीमियम स्टील या बार बाजार में आ रहा था, वह 800 रुपये से लेकर 1000 रुपये ज्यादा कीमत पर बेचा तो जा रहा है, लेकिन उसकी क्वालिटी उस हिसाब से बेहतर नहीं है. लेकिन वर्तमान खोज से 400 से 600 रुपये प्रति टन ज्यादा कीमत पड़ेगी, लेकिन यह मजबूत स्टील होगा.
उन्होंने बताया कि कंपनी के टर्नओवर में भी 25 से 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी करने की योजना पर काम किया जा रहा है, जिसमें यह सहायक भूमिका निभायेगा. उन्होंने अपनी खोज के बारे में बताया कि वर्तमान में फासफोरस और सल्फर की मात्र स्टील में .1 से लेकर .15 के करीब है, लेकिन नये सोल्यूशन से फास्फोरस .03 और सल्फर .03 हो जायेगा, जिसको जोड़कर .06 ही होता है. भारत सरकार के स्टील मंत्रलय के मानक के मुताबिक, .07 तक है, जो प्रीमियम स्टील में इस्तेमाल लाया जाता है.