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गलत रिपोर्ट दे रहा मेडॉल, मरीजों की जान से खिलवाड़

गलत रिपोर्ट दे रहा मेडॉल, मरीजों की जान से खिलवाड़ फ्लैग- एमजीएम के अधीक्षक ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को लिखा पत्र, कहा- आदेश के बावजूद केंद्र में नहीं लगाया गया रेट बोर्ड- ओपीडी से मरीजों को जबरन पकड़कर ले जाते हैं मेडॉल कर्मचारी – जांच मद में मरीजों से मनमानी राशि ले रहे […]

गलत रिपोर्ट दे रहा मेडॉल, मरीजों की जान से खिलवाड़ फ्लैग- एमजीएम के अधीक्षक ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को लिखा पत्र, कहा- आदेश के बावजूद केंद्र में नहीं लगाया गया रेट बोर्ड- ओपीडी से मरीजों को जबरन पकड़कर ले जाते हैं मेडॉल कर्मचारी – जांच मद में मरीजों से मनमानी राशि ले रहे मेडॉलकर्मी संवाददाता, जमशेदपुर मरीजों की सुविधा के लिए एमजीएम अस्पताल परिसर में खोला गया मेडॉल पैथोलॉजी केंद्र मरीज व एमजीएम प्रबंधन के लिए परेशानी बन गया है. यहां गलत रिपोर्ट देने के साथ जांच मद में मनमानी राशि ली जा रही है. इसे लेकर अकसर अस्पताल में हंगामा होता रहता है. इस संबंध में एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आरवाई चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि मेडॉल केंद्र में मरीजों को गलत रिपोर्ट दी जा रही है. इसी रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर इलाज कर रहे हैं, ऐसे में मरीज की जान को खतरा हो सकता है. मेडॉल पैथोलॉजी केंद्र अस्पताल प्रबंधन की बात नहीं सुन रहा है. मरीजों को ओपीडी से जबरन जांच के लिए ले जाते हैं. वहीं जांच के लिए मनमानी राशि ली जा रही है. रेट बोर्ड लगाने के लिए कई बार आदेश देने के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अस्पताल में नि:शुल्क होने वाली जांच भी कर रहा मेडॉलडॉ चौधरी ने प्रधान सचिव को लिखे पत्र में कहा कि मेडॉल को उन्हीं रोग की जांच करनी है, जिसकी सुविधा एमजीएम अस्पताल में नि:शुल्क नहीं है. इसके बावजूद मेडॉल ऐसी जांच कर रहा है, जो एमजीएम में निशुल्क होती है. वहीं ऐसी जांच भी कर रहे हैं, जिसकी सलाह डॉक्टर नहीं देते हैं. डॉ एसके सिंह सह प्राध्यापक औषधि विभाग ने शिकायत की थी. इन्हें दी गयी गलत रिपोर्ट केस नंबर-एक अस्पताल के एआरटी सेंटर में पूर्व से इलाजरत एचआइवी पीड़िता को मेडॉल ने जांच कर एचआइवी निगेटिव बताया, जबकि वह एचआइवी से पीड़ित है. उसका इलाज 2011 से चल रहा है. इसकी जांच एआरटी सेंटर में नि:शुल्क किया जाता है. इसके बाद भी उन लोगों ने पैसा लेकर जांच की और गलत रिपोर्ट दी. केस नंबर-दोमानगो निवासी सुशीला देवी को एमजीएम के डाॅक्टरों ने शुगर जांच कराने को कहा. सुशीला के पति मनोज गुप्ता ने बताया कि मेडॉल ने खाना खाने के बाद की रिपोर्ट 209 बताया, जबकि महिला को ब्लड शुगर की पूर्व से कोई हिस्ट्री नहीं है. मेडॉल जांच केंद्र की रिपोर्ट पर महिला ने शुगर की दवा खा ली, जिससे वह चक्कर खाकर गिर गयी. इस रिपोर्ट पर शक होने पर उसने उसी दिन दूसरे जगह शुगर की जांच करायी, तो पता चला कि उसका शुगर 101 यानी नॉर्मल है. इसकी शिकायत मनोज गुप्ता ने मेडॉल जांच केंद्र के शिकायत पंजी में किया है. उन्होंने बताया कि गलत रिपोर्ट के कारण गलत इलाज होने से मरीज की मौत तक हो सकती है. इसे लेकर कोर्ट में केस करने की तैयारी कर रहे हैं. सीनियर लैब टेक्नीशियन जारी कर रहा रिपोर्ट मेडॉल पैथोलॉजी लैब में सीनियर लैब टेक्नीशियन विकास कुमार सिंह रिपोर्ट जारी कर हा है. यह पूरी तरह से गलत है. जबकि लैब में जांच रिपोर्ट पैथोलॉजी में एमडी करने वाले डॉक्टर ही जारी कर सकते हैं. – डॉ अनुकरण पुरती, मेडिसिन विभाग, एमजीएम ——————-गलत रिपोर्ट देना बहुत गंभीर बात है. रिपोर्ट के आधार पर ही डॉक्टर मरीज का इलाज करता है. गलत रिपोर्ट होने पर गलत इलाज होगा, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है. मेडॉल की ओर से दी गयी गलत रिपोर्ट के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा गया है. डॉ आरवाई चौधरी, अधीक्षक, एमजीएम अस्पताल

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