23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

टेट में गुरमुखी को शामिल नहीं करने से रोष

जमशेदपुर: शिक्षक पात्रता परीक्षा में गुरमुखी को शामिल नहीं किये जाने से सिख समुदाय में रोष व्याप्त है. झारखंड के कई जिलों में गुरुद्वारों में संचालित धार्मिक अल्पसंख्यक स्कूलों का संचालन किया जाता है. एक ओर सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा को अनिवार्य बताते हुए इसी के आधार पर बहाली की बात कही जा रही […]

जमशेदपुर: शिक्षक पात्रता परीक्षा में गुरमुखी को शामिल नहीं किये जाने से सिख समुदाय में रोष व्याप्त है. झारखंड के कई जिलों में गुरुद्वारों में संचालित धार्मिक अल्पसंख्यक स्कूलों का संचालन किया जाता है. एक ओर सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा को अनिवार्य बताते हुए इसी के आधार पर बहाली की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी ओर अल्पसंख्यक धार्मिक विद्यालयों में इसे लागू नहीं किया जा रहा है. ऐसे में गुरुद्वारा कमेटी द्वारा संचालित धार्मिक स्कूलों में गुरमुखी की पढ़ाई ही खत्म हो जायेगी.

सिख प्रतिनिधियों का मानना है कि गुरमुखी की अपनी लिपि है, इस भाषा के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. राज्य में छह लाख से अधिक सिखों की आबादी है. गुरुद्वारों मे संचालित धार्मिक अल्पसंख्यक स्कूलों में गुरमुखी की पढ़ाई होती है, इसके विपरीत परीक्षा में गुरमुखी भाषा को शामिल नहीं किया गया है. संविधान की धारा 29 में धार्मिक अल्पसंख्यक विद्यालयों को दिये गये विशेषाधिकार का उल्लंघन हो रहा है.

धार्मिक विद्यालयों में फरवरी से जून के मध्य नियुक्त शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि सरकारी शिक्षकों की तरह ही दी जानी है, लेकिन सरकार द्वारा पत्र निर्गत नहीं होने के कारण धार्मिक अल्पसंख्यक मध्य विद्यालयों के शिक्षकों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है. पिछले सात माह से शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है. शिक्षक पात्रता परीक्षा में इंटर में 50 और स्नातक में 45 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता समाप्त हो ताकि जो भी विद्यार्थी इंटर या स्नातक कर चुके हैं, तथा पूर्व में बीटी या बीएड कर चुके हैं वे भी शिक्षक पात्रता परीक्षा में बैठ सकें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें