जमशेदपुर : करीब 15 साल से बंद पड़ी केबुल कंपनी (इंकैब इंडस्ट्रीज) को टाटा स्टील ही चलायेगी. उसके परिचालन को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट ने आरआर केबुल की याचिका को खारिज कर दिया है. दिल्ली हाइकोर्ट के कोर्ट नंबर पांच के न्यायाधीश आरके गौवा और रवींद्र भट्ट की अदालत ने अपना फैसला सुनाया. फैसले में कहा […]
जमशेदपुर : करीब 15 साल से बंद पड़ी केबुल कंपनी (इंकैब इंडस्ट्रीज) को टाटा स्टील ही चलायेगी. उसके परिचालन को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट ने आरआर केबुल की याचिका को खारिज कर दिया है. दिल्ली हाइकोर्ट के कोर्ट नंबर पांच के न्यायाधीश आरके गौवा और रवींद्र भट्ट की अदालत ने अपना फैसला सुनाया.
फैसले में कहा गया कि टाटा स्टील ही एक मात्र प्रोमोटर है, जो केबुल कंपनी का संचालन कर सकती है और शेष अन्य किसी की याचिका पर कोई सुनवाई नहीं की जा सकती है. इसको लेकर सारे रोक को हाईकोर्ट ने हटा दी. इसके बाद कर्मचारियों में खुशी का माहौल देखा जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में फंस सकता है मामला
केबुल कंपनी को लेने के लिए बड़ी दावेदार में से एक रही आरआर केबुल इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दे सकती है. लेकिन इस चुनौती का ज्यादा असर पड़ने की संभावना कम है क्योंकि पहले भी आरआर केबुल सुप्रीम कोर्ट जा चुकी है, जिसकी सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर चुकी है.
अब आगे क्या होगा
दिल्ली हाइकोर्ट का फैसला आने के बाद इसको बायफर में सुनवाई के लिए भेजा जायेगा
बायफर में जजों के पदस्थापन के बाद सुनवाई प्रारंभ होगी, जिसमें 60 दिनों का नोटिस दिया जायेगा
नोटिस में आपत्तियों को आमंत्रित किया जायेगा
चूंकि हाइकोर्ट और बायफर ने टाटा स्टील को ही उचित बिडर माना था, इस कारण ज्यादा दिक्कतों का सामना करना नहीं पड़ेगा और फैसला होने के बाद टाटा स्टील केबुल कंपनी का टेकओवर करने के बाद इसका संचालन करेगी
5. टाटा स्टील को संचालन का प्रभार देने के बाद बीमार कंपनी के तौर पर टाटा स्टील तार कंपनी की तर्ज पर ही इसका संचालन प्रारंभ कर देगी
6. जरूरी वित्तीय मदद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पैसा लगाने को भी तैयार है