शिव परिवार का सविधि करें पूजन(फोटो प्रदोष व्रत के नाम से सेव है)पौष प्रदोष व्रत कलजमशेदपुर. पौष कृष्ण त्रयोदशी तिथि की शुरुआत बुधवार की रात्रि 6:22 बजे से हो रही है, जो गुरुवार को अहोरात्र रहेगी. इसलिए प्रदोष व्रत हमें गुरुवार को ही मनाना चाहिए. इस दिन व्रती को प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके पश्चात यदि संभव हो तो शिवालय में जाकर शिव लिंग पर जल अर्पित करना चाहिए. इसके पश्चात मध्याह्नोपरांत पुन: स्नान करने के बाद प्रदोष काल में शिवालय जाकर शिव परिवार की षोड़षोपचार विधि से अथावा कुलाचार के अनुसार पूजा-अर्चना करनी चाहिए. इसके बाद शिव स्तोत्र, रुद्राष्टक अथवा शिव पंचाक्षरी मंत्र का यथा सामर्थ्य जाप करना अति शुभकारीी होता है.प्रदोष काल में पूजन का समय : व्रतियों को संध्या 5:19 से रात्रि 6:20 बजे के बीच पूजा आरंभ कर लेनी चाहिए, उसके बाद चाहे जब तक पूजा चलती रहे. किन्तु व्रत का पारण शुक्रवार को प्रात: 7:14 बजे के बाद ही करना चाहिए, क्योंकि उक्त समय तक त्रयोदशी तिथि रहेगी.
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शिव परिवार का सविधि करें पूजन
शिव परिवार का सविधि करें पूजन(फोटो प्रदोष व्रत के नाम से सेव है)पौष प्रदोष व्रत कलजमशेदपुर. पौष कृष्ण त्रयोदशी तिथि की शुरुआत बुधवार की रात्रि 6:22 बजे से हो रही है, जो गुरुवार को अहोरात्र रहेगी. इसलिए प्रदोष व्रत हमें गुरुवार को ही मनाना चाहिए. इस दिन व्रती को प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत […]
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