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हर विषय की तैयारी होनी चाहिए अच्छी सौनक सिन्हाबाबू सीजीपीए : 10रैंक : स्कूल टॉपर में शामिल स्कूल : विद्या भारती चिन्मया विद्यालय, टेल्को बोर्ड : सीबीएसइ (10वीं)माता : मिताली सिन्हाबाबू पिता : अरविंद सिन्हाबाबू लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैं दस क्लास की शुरुआत से ही बोर्ड परीक्षा को लेकर गंभीर हो गया था. मैंने […]

हर विषय की तैयारी होनी चाहिए अच्छी सौनक सिन्हाबाबू सीजीपीए : 10रैंक : स्कूल टॉपर में शामिल स्कूल : विद्या भारती चिन्मया विद्यालय, टेल्को बोर्ड : सीबीएसइ (10वीं)माता : मिताली सिन्हाबाबू पिता : अरविंद सिन्हाबाबू लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैं दस क्लास की शुरुआत से ही बोर्ड परीक्षा को लेकर गंभीर हो गया था. मैंने तय कर लिया था कि मुझे 10 सीजीपीए लाना है. इसके लिए स्कूल टीचर ने मुझे काफी प्रोत्साहित किया. मैं उनके बताये रास्ते पर चला और खूब मेहनत की. रूटीन बनाकर की तैयारी मैंने रूटीन बनाकर तैयारी की थी. रूटीन बनाकर पढ़ने से सबसे बड़ा फायदा होता है कि आप रेगुलर पढ़ पाते हैं. दूसरा, हर विषय पर आपकी नजर रहती है. बोर्ड परीक्षा में अगर अच्छा करना है, तो हर विषय की तैयारी अच्छी होनी चाहिए. इसके लिए रूटीन जरूरी हो जाता है. किताब को थॉरोली पढ़ें मैं कहना चाहता हूं कि सीबीएसइ में बोर्ड की तरफ से तय किताब को ध्यान से पढ़ लेने के बाद आपको तैयारी को लेकर अन्य किताब पढ़ने की जरूरत नहीं होती है. मैंने ऐसा ही किया था. हर विषय की किताब थॉरोली पढ़ा. मुझे जहां दिक्कत होती थी, मैं टीचर से पूछ कर डाउट क्लियर कर लेता था. सैंपल पेपर से मिलती है मदद मैंने कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाने के लिए सैंपल पेपर से भी तैयारी की थी. इसके अलावा मैंने क्वेश्चन बैंक भी बनाया था. आप पिछले चार-पांच साल के प्रश्न को हल कर लेते हैं, तो आपकी बोर्ड परीक्षा को लेकर समझ बन जाती है. परीक्षा में किस तरह के प्रश्न पूछे जा रहे हैं, किस प्रश्न का जवाब कितने शब्दों में और किस तरह से लिखना है इसका अनुभव हो जाता है. स्कूल की परीक्षा को न करें नजरअंदाज मेरा मानना है कि स्टूडेंट्स को स्कूल में होने वाली यूनिट टेस्ट या टर्म्स को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इस बहाने मुख्य परीक्षा की तैयारी होती जाती है. आप थोड़ा-थोड़ा रोज पढ़ते हैं, तो अंतिम समय में किसी तरह का दबाव नहीं रहता. इसलिए, हर परीक्षा को गंभीरता से लेना चाहिए. मैंने ऐसा ही किया था. आपकी तैयारी कैसी है, इन परीक्षाओं से पता चल जाता है. प्री बोर्ड की तो मैंने बढ़िया से तैयारी की थी. प्री बोर्ड के बाद किया रीविजन प्री बोर्ड तक मेरा सिलेबस पूरा हो गया था. प्री बोर्ड के बाद मैंने रीविजन शुरू कर दिया था. इसके लिए अलग से रूटीन बनाया. मैंने पहले ही हर विषय के नोट्स बना लिये थे. अंतिम समय में यह बहुत काम आया. नोट्स से आप कम समय में अच्छी तैयारी कर लेते हैं. अंतिम समय में किताब से पूरी तैयारी करना संभव नहीं है. अगर आपका कॉन्सेप्ट क्लियर है, तो नोट्स पलट लेने से टॉपिक याद हो जाता है. मेडिकल की चल रही है तैयारी वर्तमान में मैं विद्या भारती चिन्मया विद्यालय, टेल्को में 11वीं का स्टूडेंट हूं. मैं बायोलॉजी संकाय में हूं. साथ में मेडिकल की तैयारी भी कर रहा हूं. मैं बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे स्टूडेंट्स से कहना चाहता हूं कि इधर-उधर भटकने की बजाय वह बोर्ड की तरफ से प्रिस्क्राइब्ड किताब से तैयारी करें. बात पते की – प्रिस्क्राइब्ड किताबों पर फोकस करें – कमजोर विषयों के लिए अलग से समय निकालें – रेगुलर रहें और रीविजन जरूर करें

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