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बंजर जमीन पर खड़ी की फसल::::संपादित

बंजर जमीन पर खड़ी की फसल::::संपादित कुछ कर गुजरने की चाह अगर दिल में हो तो सबकुछ हासिल किया जा सकता है. पोटका ब्लॉक के राजदोहा गांव निवासी अनीता मुर्मू ने बंजर जमीन पर केले का उत्पादन कर दिखाया है. उनके अथक प्रयास के बाद उन्हें यह सफलता मिली. अनीता का मकसद यह भी है […]

बंजर जमीन पर खड़ी की फसल::::संपादित कुछ कर गुजरने की चाह अगर दिल में हो तो सबकुछ हासिल किया जा सकता है. पोटका ब्लॉक के राजदोहा गांव निवासी अनीता मुर्मू ने बंजर जमीन पर केले का उत्पादन कर दिखाया है. उनके अथक प्रयास के बाद उन्हें यह सफलता मिली. अनीता का मकसद यह भी है कि उन्हें देखकर अन्य महिलाएं भी प्रेरित हों और खेती करें. अनीता द्वारा स्वावलंबन के लिए उठाये गये कदम व उससे जुड़े अहम पहलुओं पर पेश है लाइफ @ जमशेदपुर की यह रिपोर्ट. केले का उत्पादन मेरे लिए था चैलेंज : अनीताअनीता बताती हैं कि खेती करना मुझे इतना ज्यादा पसंद है, कि मैं इसे जीवन भर करती रहूंगी. इसलिए, मैंने यह निश्चय किया कि कुछ ऐसी खेती की जाये, जिससे न केवल उत्पादन बेहतर हो, बल्कि अन्य लोगों को भी सीख मिले. यही कारण है कि मैंने केले की खेती करने का मन बनाया. 2014 में मैंने अपनी एक एकड़ जमीन पर केले का उत्पादन करने का निश्चय किया. समय गुजरने के साथ इसमें मुझे सफलता मिलती चली गयी. अनीता का मकसद आसपास की ग्रामीण महिलाओं को खेती के प्रति जागरूक करना भी था. अनीता ने बताया कि आसपास के इलाकों में लोग सब्जी उत्पादन के साथ टमाटर का उत्पादन कर रहे थे, लेकिन मेरा मकसद था कि मैं ऐसे फलदार पौधों की खेती करूं, ताकि लोग इससे सीख ले सकें. इसके बाद केले की खेती को चैलेंज के रूप में लेकर मैंने इसका उत्पादन करना शुरू किया. तीन बार होता है केले का उत्पादन अनीता बताती हैं कि अक्टूबर में मैंने केले की खेती शुरू की. अब तक इसकी एक फसल का उत्पादन भी हो चुका है व फिर से नयी खेप तैयार हो रही है. मैंने एक एकड़ जमीन पर करीब 400 पेड़ लगाये. इसकी एक खेप में लगभग 70 हजार रुपये का मुनाफा हासिल हुआ है. उन्होंने बताया कि एक पेड़ से तीन बार तक केले का उत्पादन होता है. इसके लिए जरूरी है कि बीच-बीच में इनकी देखरेख व सिंचाई पर ध्यान दिया जाये. उत्पादन देख पति भी करने लगे सपोर्टअनीता बताती हैं कि उनके पति एससी मुर्मू ने शुरुआत में उनका सपोर्ट नहीं किया. लेकिन जैसे-जैसे फसल तैयार होने लगी, पति ने भी साथ देना शुरू कर दिया. वहीं, अब एससी मुर्मू बताते हैं कि रेलवे की नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद मैं पूरा ध्यान खेती में ही दूंगा. बेटे भी समय मिलने पर खेती में मदद करते हैं. अनीता ने बताया कि केले के उन्नत उत्पादन के लिए मैं आत्मा व कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़ी, वहां से मैंने उन्नत कृषि का प्रशिक्षण हासिल किया. केले के साथ गेंदे की भी खेतीअनीता मुर्मू इसी जमीन पर केले के साथ-साथ गेंदे के फूलों की भी खेती कर रही हैं. साथ ही एक्सपेरीमेंट के तौर पर सब्जियां भी उगा रही हैं. इसके सकारात्मक नतीजे देखने को मिल रहे हैं. अनीता बताती हैं कि केले के उत्पादन के साथ गेंदे के फूल व सब्जियों का उत्पादन कर अच्छा मुनाफ कमाया जा सकता है.

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