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पेस्ट से नहीं, ब्रश से पड़ता है दांतों पर फर्क

पेस्ट से नहीं, ब्रश से पड़ता है दांतों पर फर्क डॉ अभिजीत दत्ताडेंटल सर्जन दांतों में कीड़े लगने की वैसे तो कई वजहें हैं, लेकिन प्रमुख वजह है-साफ-सफाई. दांतों की उचित साफ-सफाई नहीं रखने से उसमें कीड़े लग जाते हैं. इसके कारण दांत खराब होने लगते हैं और उनमें दर्द भी होता है. सामान्यतौर पर […]

पेस्ट से नहीं, ब्रश से पड़ता है दांतों पर फर्क डॉ अभिजीत दत्ताडेंटल सर्जन दांतों में कीड़े लगने की वैसे तो कई वजहें हैं, लेकिन प्रमुख वजह है-साफ-सफाई. दांतों की उचित साफ-सफाई नहीं रखने से उसमें कीड़े लग जाते हैं. इसके कारण दांत खराब होने लगते हैं और उनमें दर्द भी होता है. सामान्यतौर पर लोग यह सोचते हैं कि ब्रांडेड या मेडिकेटेड पेस्ट के इस्तेमाल से ही दांतों को सुरक्षित रखा जा सकता है. लेकिन, ऐसा नहीं है. पेस्ट का काम सिर्फ दातों की सफाई करना होता है. बाजार में उपलब्ध ज्यादातर पेस्ट यह काम कर देते हैं. लेकिन, दांतों के सिरे तक पहुंचने का काम करते हैं ब्रश. अगर ब्रश सही न हो या सही तरीके से नहीं किया जाये, तो दांतों में खाना अटक सकता है. वहां कीड़े लगने की आशंका ज्यादा हो जाती है. दांतों में कीड़े लगने की बीमारी को मेडिकल भाषा में डेंटल मेरीज कहा जाता है. दांतों को कीड़े से बचाने के लिए मुलायम ब्रश का इस्तेमाल करें. चार महीने के अंतराल में ब्रश बदलें. अगर ब्रश के रेशे मुड़ जाते हैं, तो चार माह से पहले ही उसे बदल लें. बीमारी : डेंटल मेरीज. लक्षण : दांतों में खाना अटकना, धब्बा बनना, दर्द देना व खराब होना. बचाव : सुबह खाने से पहले और रात में सोने से पहले जरूर ब्रश करें, मुलायम ब्रश का प्रयोग करें, चार महीने में ब्रश जरूर बदल लें, छह माह का साल में एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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