हेल्थ बुलेटिन:::::थ्रोट इन्फेक्शन:::संपादितफोटोडॉ प्रतीक पोरवाल, ईएनटी स्पेशलिस्टफ्लू के कारण होता है थ्रोट इन्फेक्शनसर्दियों के दिनों में वातावरण में मौजूद फ्लू के कारण थ्रोट इन्फेक्शन होता है. यदि कोई इस बीमारी से ग्रसित हो जाये और वह ठंडा पानी, ठंडा खाद्य पदार्थ, ठंडी हवा के संपर्क में आता है, खट्टी चीजों का सेवन करता है, तो बीमारी और भी ज्यादा बढ़ सकती है. सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि इस दौरान लोगों को बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए. यह उनकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. सामान्यत: यह बीमारी 3 से 5 दिनों के अंदर ठीक हो जाती हैं. बीमारी के दौरान मरीज को गले में खिचखिच, नाक का जाम होना, नाक से पानी निकलना, शरीर में हल्का दर्द व आवाज में भारीपन जैसे लक्षण दिखायी देते हैं. ऐसा होने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. इससे बचने के लिए कान को ठंड से बचाये रखें. दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनें. घर से बाहर निकलने पर मफलर या शॉल लेकर निकलें. ठंडे पानी व खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें. बीमारी : थ्रोट इन्फेक्शन लक्षण : गले में खिचखिच, नाक का जाम होना, नाक से पानी निकलना, शरीर में हल्का दर्द व आवाज में भारीपन. बचाव : कान को ठंड से बचायें, ठंडे पानी व खाद्य पदार्थ का सेवन न करें और गर्म कपड़े पहनें.
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हेल्थ बुलेटिन:::::थ्रोट इन्फेक्शन:::संपादित
हेल्थ बुलेटिन:::::थ्रोट इन्फेक्शन:::संपादितफोटोडॉ प्रतीक पोरवाल, ईएनटी स्पेशलिस्टफ्लू के कारण होता है थ्रोट इन्फेक्शनसर्दियों के दिनों में वातावरण में मौजूद फ्लू के कारण थ्रोट इन्फेक्शन होता है. यदि कोई इस बीमारी से ग्रसित हो जाये और वह ठंडा पानी, ठंडा खाद्य पदार्थ, ठंडी हवा के संपर्क में आता है, खट्टी चीजों का सेवन करता है, तो […]
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