21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गलतियां जितनी कम, रिजल्ट उतना बेहतर

गलतियां जितनी कम, रिजल्ट उतना बेहतर निकिता नंदी मार्क्स : 90.8 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : कॉमर्स स्कूल : जेएच तारापोर बोर्ड : आइसीएसइ माता : नीलिमा नंदी पिता : गोकुल नंदी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर तैयारी के दौरान मैंने 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने का टारगेट रखा था. उसी हिसाब […]

गलतियां जितनी कम, रिजल्ट उतना बेहतर निकिता नंदी मार्क्स : 90.8 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : कॉमर्स स्कूल : जेएच तारापोर बोर्ड : आइसीएसइ माता : नीलिमा नंदी पिता : गोकुल नंदी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर तैयारी के दौरान मैंने 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने का टारगेट रखा था. उसी हिसाब से मैंने प्लानिंग की. कब क्या पढ़ना है, किन बातों पर गौर करना है, इस पर बराबर ध्यान रहा. मैंने शुरुआत से ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी पर ध्यान दिया था. करती थी हर दिन रीविजन मैं स्कूल में पढ़ाये गये पाठ का घर पर हर दिन रीविजन करती थी. हर विषय में जहां दिक्कत होती थी, उसे नोट कर अगले दिन टीचर से पूछ लेती थी. इसका फायदा यह हुअा कि मैं स्कूल के साथ-साथ चलती रही और मेरी तैयारी भी थोड़ी-थोड़ी होती रही. क्वेश्चन बैंक से मिलती है मदद मैंने क्वेश्चन बैंक और सैंपल पेपर से तैयारी की थी. इससे मुझे क्वेश्चन पैटर्न के बारे में पता चला. किस तरह से मार्क्स का डिस्ट्रीब्यूशन हो रहा है, प्रश्नों को किस तरह से ट्विस्ट किया जाता है आदि की समझ बनी. प्री बोर्ड पर दिया ध्यानमैंने प्री बोर्ड को गंभीरता से लिया था. मुझे पता था कि यह बोर्ड परीक्षा की तैयारी के समान है. स्कूल में इसके प्रश्न काफी टफ पूछे गये थे. इसका मकसद छात्रों का ध्यान बोर्ड परीक्षा की तरफ आकृष्ट करना था. मैं अनुभव के आधार पर कह सकती हूं कि अगर प्री बोर्ड में आपकी तैयारी अच्छी होगी, तो बोर्ड परीक्षा में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. दिखायी गयी थी आंशर शीट हम लोगों को प्री बोर्ड की आंशर शीट दिखायी गयी थी. उत्तर लिखते समय कहां गलतियां हो रही हैं, किस तरह से उत्तर लिखना चाहिए, प्रश्नों को समझना आदि ढंग से बताया गया था, ताकि बोर्ड परीक्षा में छात्रों से किसी तरह की गलती न हो. इससे काफी फायदा हुआ. कुल मिलाकर कहें तो एग्जाम में आपसे गलतियां जितनी कम होंगी, नंबर उतने अधिक मिलेंगे. प्री बोर्ड के बाद बदला रूटीन प्री बोर्ड तक सिलेबस पूरा हो गया था. इसके बाद मैंने तैयारी के लिए अलग रूटीन बनाया. मैं हर दिन 5-6 घंटे केवल रीविजन करती थी. मैथ्स का रोज अभ्यास करती थी. मुझे भूगोल में सर्वे मैप में दिक्कत होती थी. इसका मैंने बार-बार अभ्यास किया. टीचर से स्कूल जाकर दिक्कत पूछती थी. इस तरह इस विषय में भी मेरी अच्छी तैयारी हो गयी थी. एमबीए करना है लक्ष्य ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में मेरी रुचि है. मैं एमबीए करना चाहती हूं. इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय स्थित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम करने की इच्छा है. मैं बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों से कहना चाहती हूं कि वह प्री बोर्ड पर जरूर ध्यान दे. बात पते की – स्कूल में रेगुलर रहें व रोज रीविजन करें – डाउट होने पर टीचर से तुरंत पूछें – प्रश्न को समझने के बाद ही जवाब दें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें