प्रीबोर्ड की तैयारी अच्छी, तो सफलता तय राकेश पूर्ति मार्क्स : 89 प्रतिशतरैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : साइंस स्कूल : काशीडीह हाइस्कूलबोर्ड : सीबीएसइ (12वीं)माता-पिता : शारदा पूर्ति-गणेश पूर्ति लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने बोर्ड परीक्षा को काफी गंभीरता से लिया था. शुरुआत से ही मैंने हर टॉपिक पर ध्यान दिया. क्लास भी कभी मिस नहीं किया. इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि मुझे किसी भी टॉपिक को समझने में दिक्कत नहीं हुई. आप रेगुलर रहेंगे, तो आपके सामने परेशानियां कम होंगी. प्री बोर्ड पर दिया ध्यान मैं क्लास में होने वाली अन्य टेस्ट पर तो ध्यान देता ही था, प्री बोर्ड की तैयारी भी गंभीरतापूर्वक करता था. मैंने प्रीबोर्ड एग्जाम को बोर्ड परीक्षा के समान लिया. इसकी तैयारी मुख्य परीक्षा समझ कर ही की. अगर आप ऐसा करेंगे, तो आपको बोर्ड परीक्षा में दिक्कत नहीं होगी. प्री बोर्ड की तैयारी करने से आपको सिर्फ प्रश्नों के उत्तर ही नहीं याद होते, बल्कि आप परीक्षा के पैटर्न को भी समझ पाते हैं. टाइम मैनेजमेंट सीख पाते हैं. आपको निश्चित समय के अंदर सभी प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं. प्री बोर्ड से आपको उत्तर लिखने के दौरान समय का अंदाजा हो जाता है. इसलिए, इस परीक्षा को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. सैंपल पेपर से की तैयारीमैंने पाठ्य पुस्तक को थॉरोली पढ़ा. साथ ही हर विषय की तैयारी में सैंपल पेपर का सहयोग लिया. मैंने विंटर वेकेशन तक हर विषय का सिलेबस पूरा कर लिया था. इसके बाद रोज रीविजन करता था. मैं हर दिन दो सैंपल पेपर जरूर सॉल्व करता था. इस दौरान टाइम मैनेजमेंट पर भी काफी ध्यान देता था. मिलती है काफी मदद मैं सैंपल पेपर परीक्षा भवन जैसे माहौल में ही सॉल्व करता था. समय पर शुरू करना और समय पर ही उत्तर लिखना बंद भी कर देता था. जिस प्रश्न का जवाब नहीं दे, पाता था या बढ़िया से नहीं लिख पाता था उस पर बाद में गौर करता था. सैंपल पेपर से परीक्षा की तैयारी में काफी मदद मिलती है. इसमें कई प्रश्न चैप्टर के अंदर से होते हैं. इस तरह आप संबंधित चैप्टर और टॉपिक को अच्छी तरह से पढ़ पाते हैं. इंगलिश में हुई दिक्कत मुझे बोर्ड परीक्षा के दौरान इंगलिश में दिक्कत हुई थी. मैं उत्तर को विस्तार से नहीं लिख पाता था. मेरे पास लिखने के लिए अधिक शब्द नहीं होते थे. मैंने विंटर वेकेशन के दौरान एक महीने में इसकी जमकर तैयारी की. सैंपल पेपर को बार-बार बनाया. सैंपल पेपर देख कर लिखने की कोशिश करता था. इस तरह परीक्षा आने तक मेरी तैयारी अच्छी हो गयी थी. बनना होगा आत्मनिर्भर मेरे विचार से हर छात्र को परीक्षा की तैयारी इस तरह से करनी चाहिए कि उन्हें स्कूल में चैप्टर पूरा होने के बाद किसी से मदद लेने की जरूरत न पड़े. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि बाद में डाउट होने पर आप मित्रों या शिक्षकों से पूछे ही नहीं. तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि इसकी जरूरत ही न पड़े. बात पते की -प्री बोर्ड को गंभीरता से लें, रोज रीविजन करें. -तैयार के दौरान टाइम मैनेजमेंट का ख्याल रखें. -वीक प्वाइंट्स को दूर करने की कोशिश करें.
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प्रीबोर्ड की तैयारी अच्छी, तो सफलता तय
प्रीबोर्ड की तैयारी अच्छी, तो सफलता तय राकेश पूर्ति मार्क्स : 89 प्रतिशतरैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : साइंस स्कूल : काशीडीह हाइस्कूलबोर्ड : सीबीएसइ (12वीं)माता-पिता : शारदा पूर्ति-गणेश पूर्ति लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने बोर्ड परीक्षा को काफी गंभीरता से लिया था. शुरुआत से ही मैंने हर टॉपिक पर ध्यान दिया. क्लास भी […]
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