बताया जाता है कि परसुडीह के सोपोडेरा निवासी विश्वकर्मा शर्मा और उनकी पत्नी रूपा शर्मा को एक बेटा हुआ. जुगसलाई स्थित सरकारी अस्पताल में जन्मे बच्चे के कूल्हे का मांस जन्म से ही बढ़ा था.
इस कारण बच्चा सो नहीं पा रहा था. जन्म के समय उसका वजन 3.5 किलो था, जो तीन-चार दिनों में घटकर दो किलो तक पहुंच गया था. वेल्डिंग मिस्त्री का काम करने वाले विश्वकर्मा शर्मा ने मेडिका में डॉ एस राव से संपर्क किया. डॉ रावल ने मेडिका अस्पताल में नौ दिन में उसका सफल ऑपरेशन किया. हालांकि उसका घाव भरने में थोड़ा समय लगेगा. इसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जायेगी.