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दहशत के ढाई घंटे याद कर कांप जा रही निशिता व इशिका
जमशेदपुर : मानगो के चंद्रमोहन कॉम्प्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर स्थित फ्लैट नंबर 101 में राधेश्याम नंदी की पत्नी पूजा नंदी और उनकी दो बेटियों (12 साल की इशिका नंदी और 7 साल की निशिता नंदी) ने जो आपबीती बतायी, उससे सुन कर कोई भी सहम जायेगा. दोनों बहनों ने बताया कि मंगलवार की रात वह […]
जमशेदपुर : मानगो के चंद्रमोहन कॉम्प्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर स्थित फ्लैट नंबर 101 में राधेश्याम नंदी की पत्नी पूजा नंदी और उनकी दो बेटियों (12 साल की इशिका नंदी और 7 साल की निशिता नंदी) ने जो आपबीती बतायी, उससे सुन कर कोई भी सहम जायेगा. दोनों बहनों ने बताया कि मंगलवार की रात वह मां के साथ सो रही थी. इसी बीच दरवाजा पीटने की आवाज आयी.
हमलोग उठे और जबतक किसी को फोन करते, डकैत दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गये. इशिका ने बताया कि सभी अंकल के हाथों में पिस्तौल थी. उन लोगों ने मम्मी को बांध दिया. हमें रजाई ओढ़ाकर सुला दिया और मेरी कनपट्टी पर पिस्तौल सटाकर मां से पैसे मांगने लगे. मां ने डरते हुए अलमारी की चाबी दे दी. इसके बाद उन्होंने घर में रखे गहने व नकद ले गये.
लगा बेटियों की जान ले लेगा, जो मांगा सो दे दिया : पूजा
इशिका की मां पूजा नंदी ने बताया कि डकैत अंदर आते ही उसे बांधकर मोबाइल छीन लिया. मोबाइल से सिमकार्ड निकालकर फेंक दिया. उन लोगों ने बेटियों की कनपट्टी पर पिस्तौल रख दी.
इसके बाद मुझे लगा कि अब वे बेटियों की जान ले लेंगे. इसके बाद हमने उनका प्रतिरोध नहीं किया. हमारे पास कोई विकल्प नहीं था. जो मांगा, वह दे दिया. पूजा नंदी ने कहा कि वे 10 लोग थे. आठ अंदर में और दो गेट पर थे.
युवराज के घर पर भी वहीं नजारा था
पूजा नंदी ने बताया कि डकैतों के जाने के बाद वह सेकेंड फ्लोर पर रहने वाले युवराज सिंह को फोन लगा रही थी. फोन नहीं लगा. वह बच्चों को लेकर ऊपर गयी, तो देखा कि उनका घर भी अस्त-व्यस्त है. वहां से रोने की आवाज आ रही है. इसके बाद वह भागकर नीचे आ गयी. उन्होंने सोचा कि डकैत अब तक ऊपर ही हैं. दहशत में आकर पति को फोन किया और पुलिस को खबर दी.
डकैतों ने कहा-पैसे व गहने नहीं दोगे, तो हत्या कर देंगे
एयरटेल के इंजीनियर युवराज सिंह पत्नी के साथ रहते हैं. उनकी नयी शादी हुई थी. इस कारण मायके व ससुराल से मिले गहने उनके पास थे. मंगलवार रात अचानक डकैतों ने हमला बोल दिया. युवराज सिंह ने बताया कि डकैतों ने उन्हें बांध दिया और पिस्तौल सटाकर चाबियां मांगी.
हमने जान बचाने के लिए सबकुछ दे दिया. वे बोल रहे थे कि उन्हें चाबियां, पैसे, गहने नहीं दिये, तो हत्या कर देंगे. इसके बाद डकैतों ने उनसे सारे मोबाइल ले लिये और लैंडलाइन फोन का कनेक्शन काट दिया. डकैत सारे गहने व कैश ले गये. पड़ोसी सुरेश को डकैत समझकर सहमे रहे युवराज दंपती : डकैतों ने सबसे पहले सुरेश रेड्डी के घर में डकैती की. इसके बाद सुरेश का हाथ-पैर बांधकर पड़ोसी युवराज सिंह के घर ले गये. सुरेश को दूसरे कमरे में रख दिया. वहीं युवराज दंपती को दूसरे कमरे में बांध दिया. डकैतों के जाने के बाद दोनों ने किसी तरह अपने हाथ-पैर खोले. इसके बाद आधे घंटे तक वे लोग दूसरे कमरे में बैठे सुरेश को पहचान नहीं पाये. वे सुरेश को डकैत समझ रहे थे. बाद में सुरेश रेड्डी हाथ-पैर बंधे हालत में जमीन पर घसीटते हुए युवराज दंपती के पास पहुंचे, तो उन्होंने राहत की सांस ली.
सोचा उम्र से पहले ही मौत आ गयी : गार्ड
गार्ड भगवान सिंह बुधवार की सुबह तक दहशत में थे. डकैतों ने सबसे पहले उन्हें ही बंधक बनाया था. गार्ड ने बताया कि जब डकैतों ने मेरी कनपट्टी पर पिस्तौल सटायी, तब लगा कि उम्र से पहले ही मौत आ गयी. गार्ड ने बताया कि भगवान ने उसे बचा लिया. अगर विरोध करता, तो मारा जाता.
सबसे पहले पहुंचे भाजपा नेता : घटना की जानकारी मिलते ही सुबह साढ़े चार बजे भाजपा नेता विकास सिंह पहुंचे. एसएसपी के आने तक विकास सिंह डटे रहे. विकास सिंह ने मांग की है कि तत्काल अपराधियों को गिरफ्तार किया जाये.
दो घंटे तक होती रही डकैती, न पुलिस आयी, न पड़ोसी : डकैतों ने करीब दो घंटे तक कॉम्प्लेक्स में तांडव मचाया. इस दौरान पुलिस या कोई पड़ोसी भी मदद करने नहीं पहुंचा. लोगों का कहना था कि पुलिस रात में गश्ती नहीं करती है, इस कारण डकैतों ने बेखौफ होकर घटना को अंजाम दिया. वहीं फ्लैट मेें रहने वाले पड़ोसी दरवाजा व ग्रिल टूटने की आवाज सुनकर भी पड़ोसी की मदद को नहीं आये. डकैतों के चले जाने का बाद सभी बाहर आये. पड़ोसी बस खानापूर्ति कर बाहर निकल गये. एनएच 33 के किनारे यह फ्लैट है. वहां के दोनों ओर पुलिस होती है. जवाहरनगर और आजादनगर में भी पुलिस रहती है. लेकिन दो घंटे में कहीं से भी कोई मदद को नहीं आया.
रेकी कर घटना को दिया अंजाम : अंदेशा जताया जा रहा है कि रेकी कर घटना को अंजाम दिया गया है. पहले डकैतों ने यह पता किया होगा कि कौन-कौन अकेले रहते हैं. इसके बाद ऐसे घरों को निशाना बनाया. उन्हीं घरों को निशाना बनाया गया, जिसमें दो या तीन लोग रहते हैं.
पीड़ितों ने हुलिया बताया, पुलिस को कुछ लोगों पर संदेह : पीड़ितों ने एसएसपी अनूप टी मैथ्यू समेत पुलिस पदाधिकारियों को घटना की जानकारी दी. इन्होंने अपराधियों का हुलिया बताया. अपराधी जिस तरह बातचीत कर रहे थे, उसके आधार पर पुलिस को कुछ लोगों पर संदेह है.
लोहे के ग्रिल व दरवाजे को एक झटके में तोड़ा
डकैतों ने घटना को पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिया. सभी 10 डकैतों की औसत उम्र 30 के करीब होगी. उन लोगों ने दो घरों के लोहे के ग्रिल व दरवाजा एक झटके में ही तोड़ दिया.
फ्लैटों की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल : फ्लैटों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं. गली मोहल्ले में फ्लैट तो बन गये हैं, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कम सैलरी देकर अनट्रेंड सुरक्षा गार्ड रखे जा रहे हैं. इस घटना में भी वैसे ही हुआ. दूसरी ओर ग्रिल और दरवाजों की क्वालिटी ऐसी थी कि एक झटके में ही डकैतों ने तोड़ दिया.
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