।।संदीप सावर्ण।।
जमशेदपुरः जमशेदपुर में अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून की खिल्ली उड़ रही है. इसकी वजह न सिर्फ निजी स्कूलों की मनमानी, बल्कि सरकार की लापरवाही भी है.
शहर के निजी स्कूलों में पिछले साल की तुलना में इस बार 50 फीसदी कम बीपीएल बच्चों का एडमिशन हुआ है. निजी स्कूल उनके एडमिशन में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. इस संबंध में कई स्कूलों का कहना है कि उन्हें बीपीएल बच्चे नहीं मिल रहे हैं, तो कई स्कूल सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. सरकार ने बीपीएल बच्चों के एडमिशन के एवज में पैसे देने का प्रावधान तय किया था. डेढ़ साल बाद भी निजी स्कूलों को राशि नहीं मिली है, जिसका असर एडमिशन पर पड़ा है. जानकारों के मुताबिक अगर स्कूलों को समय पर राशि मिल जाती तो एडमिशन की संख्या पिछले साल से भी ज्यादा होती.
पैमाना मानने को तैयार नहीं
जिले में लाल कार्ड नहीं बन रहा है. वहीं, निजी स्कूलों में बिना लाल कार्ड के बीपीएल बच्चों का दाखिला नहीं हो पा रहा था. इस पर जिला शिक्षा अधीक्षक ने तय किया था कि 48,000 रुपये तक का आय प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वाले को भी गरीब की श्रेणी में रखा जाये. कई निजी स्कूल यह पैमाना नहीं मान रहे हैं, जिसका असर एडमिशन पर पड़ा है. इस संबंध में स्कूलों का कहना है कि कई रसूख वाले लोग भी 48,000 रुपये तक का आय प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं और गरीब होने का दावा कर रहे हैं.