जमशेदपुर: जमशेदपुर के मजलिस-ए-उलेमा ने पेरिस में आतंकवादी हमले की कड़े शब्दाें में निंदा की है. संस्था ने कहा है कि इसलाम में इस तरह की घटना का काेई स्थान नहीं है. इसलाम किसी जाति व संप्रदाय पर जुल्म, बर्बरता और हत्या की इजाजत नहीं देता. निर्दोषाें पर जुल्म इनसानियत के खिलाफ है.
मजलीस-ए-उलेमा की एक बैठक गुरुवार काे धातकीहीड स्थित मदरसा फैजुल उलूम में हुई. इसकी अध्यक्षता मुफ्ती सलाउद्दीन निजामी ने की. काजी मुश्ताक अहमद ने कहा कि दुनिया इस तरह के दहशतगर्दी घटना की घोर निंदा कर रही है. जमशेदपुर के उलेमा शिक्षाविद् और दानिश्वर भी इसकी मजम्मत करते हैं. बैठक में प्रस्ताव लिया गया कि मजलीस ए उलेमा जल्द ही शहर में दहशतगर्दी के खिलाफ एक परिचर्चा का आयोजन करेगा. उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा जायेगा. इसमें मानवता पर हमले और बर्बरता के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाकर निंदा की जायेगी.
बैठक में मजलीस ए उलेमा के सचिव मौलाना नसीर अहमद, मौलाना गुलाम हैदर (मानगो), मौलाना मेराज आलम फैजी (जुगसलाई), कारी इसहाक अंजुम (कीताडीह), मौलाना अब्दुल हन्नान चतुर्वेदी (धातकीडीह), मौलाना हफीजउद्दीन (बिष्टुपुर) सहित अन्य उलेमाआें ने शिरकत की. बैठक की शुरुआत काजी मुश्ताक अहमद के तिलावत ए कलाम पाक से हुई. अंत में अमन शांति के लिए दुआ की गयी.