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15 साल में 66,435.16 करोड़ रुपये का हुआ निवेश

15 साल में 66,435.16 करोड़ रुपये का हुआ निवेश15 साल में हुए निवेश एक नजर में : 1. टाटा स्टील विस्तारीकरण, जमशेदपुर-20,000 करोड़ रुपये2. टाटा ब्लूस्कोप, जमशेदपुर-950 करोड़ रुपये3. कोहिनूर स्टील, चांडिल (सरायकेला-खरसावां)-200 करोड़ रुपये4. आधुनिक एलॉय एंड पावर लिमिटेड, कांड्रा, (सरायकेला-खरसावां)-629 करोड़ रुपये5. वल्लभ स्टील, गम्हरिया, (सरायकेला-खरसावां)-208 करोड़ रुपये6.रुंगटा माइंस स्पंज आयरन कंपनी, चालियाना […]

15 साल में 66,435.16 करोड़ रुपये का हुआ निवेश15 साल में हुए निवेश एक नजर में : 1. टाटा स्टील विस्तारीकरण, जमशेदपुर-20,000 करोड़ रुपये2. टाटा ब्लूस्कोप, जमशेदपुर-950 करोड़ रुपये3. कोहिनूर स्टील, चांडिल (सरायकेला-खरसावां)-200 करोड़ रुपये4. आधुनिक एलॉय एंड पावर लिमिटेड, कांड्रा, (सरायकेला-खरसावां)-629 करोड़ रुपये5. वल्लभ स्टील, गम्हरिया, (सरायकेला-खरसावां)-208 करोड़ रुपये6.रुंगटा माइंस स्पंज आयरन कंपनी, चालियाना (पश्चिम सिंहभूम)-209 करोड़ रुपये7. एएमएल स्टील व पावर लिमिटेड, सीनी (सरायकेला)-325 करोड़ रुपये8. स्वाति उद्योग, जुड़ी, पूर्वी सिंहभूम-150 करोड़ रुपये9. टाटा मोटर्स, जमशेदपुर वर्ल्ड ट्रक-1200 करोड़ रुपये10. बीएमडब्ल्यू इंडस्ट्रीज, जमशेदपुर-100 करोड़ रुपये11. मेटाल्सा, कोलाबेरा (सरायकेला-खरसावां)-111 करोड़ रुपये12. रामकृष्ण फोर्जिंग ऑटो कंपोनेंट-66.35 करोड़ रुपये13. रामकृष्ण फोर्जिंग, रिंग रोलिंग डिवीजन-79.37 करोड़ रुपयेराज्य में भावी निवेश व संसाधन को बढ़ाने की संभावना : 1. स्टील प्रोडक्शन 12 मिलियन टन से बढ़कर 25 मिलियन टन तक हो सकता है2. सीमेंट प्रोडक्शन 1.1 मिलियन टन से 1.8 मिलियन टन3. एल्यूमिना 0.45 मिलियन टन से 0.8 मिलियन टन तक4. आदित्यपुर में इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेंटर तीन खुलेगा5. 56 इंडस्ट्रीयल कलस्टर में से छह पर काम शुरू हो चुका है6. तीन नये टूल रूम की स्थापना होगी7. भूषण स्टील, इलेक्ट्रो स्टील, जिंदल स्टील, आधुनिक स्टील, कारपोरेट इस्पात का निवेश हो सकता है8. खूंटी के पास नॉलेज पार्क बनेगा9. आदित्यपुर के लिए स्पेशल इकॉनॉमिक जोन की स्थापना होगी10. जमशेदपुर, धनबाद व रांची में सॉफ्टवेयर टेक्नॉलॉजी पार्क बनेगा11. इंडस्ट्रीयल कोरिडोर के रूप में एनएच- 33 के किनारे विकसित होगाब्रजेश सिंह, जमशेदपुर बिहार से अलग होने के बाद पिछले 15 सालों में झारखंड में 66,435.16 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. इनमें कोल्हान क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश हुआ. लेकिन, पूंजी निवेश को लेकर जितने एमओयू किये गये, वे सभी धरातल पर नहीं उतर पाये. खनिज संपदा से लेकर अन्य संसाधनों की उपलब्धता के बावजूद राज्य में जितना निवेश होना चाहिए था वह नहीं हो सका. इसकी कई वजह हो सकती है लेकिन राज्य सरकार द्वारा खनिज संपदा को रेगुलराइज करने के लिए जिस ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत थी, वह नहीं उठाये जा सके . देश में तीसरे स्थान पर आया इजी गोइंग स्टेटपिछले 15 सालों में लगातार राजनीतिक अस्थिरता के बीच राज्य में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्य सरकारें काम करती रहीं. उसने राज्य के नियमों की कानूनी जटिलताओं को कम करने का प्रयास किया. पिछले दस माह में रघुवर सरकार ने भी इस दिशा में लगातार कोशिशें की हैं. यही कारण है कि राज्यों के नियमों की जटिलताओं को समाप्त करने की रेटिंग में पूरे देश में झारखंड को (इजी गोइंग स्टेट) तीसरा स्थान हासिल हुआ है. निवेश को लेकर ब्लूप्रिंट तैयार करने की जरूरत : डॉ ईरानीटाटा सन्स के पूर्व निदेशक डॉ जेजे इरानी के मुताबिक राज्य में निवेश की अपार संभावनाएं हैं. लेकिन राज्य सरकार के पास इसका ब्लूप्रिंट तैयार नहीं है कि किस क्षेत्र में कितना निवेश कराना है. इस दिशा में पहल करने की जरूरत है.

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