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ट्रांसफर हो गये पुलिसकर्मी, नहीं खुली कैंटीन

ट्रांसफर हो गये पुलिसकर्मी, नहीं खुली कैंटीन फ्लैग ::: अप्रैल में जवानों का 700 रुपये व अफसरों का 900 रुपये वेतन काटा गया था- 99 प्रतिशत पुलिस जवानों और अफसरों का हो चुका ट्रांसफरसंवाददाता, जमशेदपुर : सेना की तर्ज पर राज्य भर के जिले के पुलिस जवानों, अफसरों के लिए कैंटीन खोली जानी थी. जिसके […]

ट्रांसफर हो गये पुलिसकर्मी, नहीं खुली कैंटीन फ्लैग ::: अप्रैल में जवानों का 700 रुपये व अफसरों का 900 रुपये वेतन काटा गया था- 99 प्रतिशत पुलिस जवानों और अफसरों का हो चुका ट्रांसफरसंवाददाता, जमशेदपुर : सेना की तर्ज पर राज्य भर के जिले के पुलिस जवानों, अफसरों के लिए कैंटीन खोली जानी थी. जिसके लिए अप्रैल में पुलिस जवानों का 700 रुपये व अधिकारियों का 900 रुपये वेतन काटा गया था, लेकिन छह माह बाद भी कैंटीन नहीं खुली. आलम यह है कि कैंटीन के लिए चंदा देने वाले जिले के 99 प्रतिशत पुलिस जवान, अफसरों का जून-जुलाई में दूसरे जिलों में ट्रांसफर हो गया. वापस नहीं हुआ पैसा पुलिस जवान व अधिकारी ट्रांसफर के बाद दूसरे जिले में चले गये पर कैंटीन नहीं खुली और न ही कैंटीन खोलने के लिए काटा गया पैसा इन्हें वापस किया गया. क्या है पूरा मामला डीजीपी राजीव कुमार ने रियायती दर पर घरेलू सामानों की आपूर्ति के लिए राज्य भर के पुलिस लाइनों में सेना की तर्ज पर कैंटीन खोलने की घोषणा की थी. जमशेदपुर स्थित जैप छह में कैंटीन खोलने की योजना थी. इसके बाद जिले के लगभग 3 हजार पुलिस जवानों से 700 रुपये और लगभग 2 हजार पुलिस अधिकारियों से (मुंशी, जमादार, हवलदार, दारोगा, इस्पेक्टर ) 900 रुपये लिया गया. ये सामान मिलता कैंटीन मेंकैंटीन में घरेलू सामान के अलावा रेफ्रिजरेटर, वाॅशिंग मशीन, स्पोर्ट्स गुड्स, दोपहिया व चारपहिया वाहन आदि मिलते. प्रत्येक कर्मियों, जवानों व अधिकारियों को कार्ड निर्गत किया जाता, जो रिटायरमेंट के बाद भी मान्य होता. वर्जन पैसा जमा है. जल्द ही दूसरे जिले में ट्रांसफर हुए पुलिस जवान व अफसरों के खाते में पैसा वापस कर दिया जायेगा. -राजीव कुमार, सार्जेंट मेजर

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