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प्री बोर्ड से ही फाइनल की करें तैयारी

प्री बोर्ड से ही फाइनल की करें तैयारीचिराग अग्रवाल मार्क्स : 95 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : प्योर साइंस स्कूल : टैगोर एकेडमी बोर्ड : आइसीएसइ माता-पिता : मधु अग्रवाल, पवन अग्रवाल लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैं बोर्ड परीक्षा की तैयारी को लेकर शुरू से ही ध्यान दे रहा था. अंतिम समय […]

प्री बोर्ड से ही फाइनल की करें तैयारीचिराग अग्रवाल मार्क्स : 95 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : प्योर साइंस स्कूल : टैगोर एकेडमी बोर्ड : आइसीएसइ माता-पिता : मधु अग्रवाल, पवन अग्रवाल लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैं बोर्ड परीक्षा की तैयारी को लेकर शुरू से ही ध्यान दे रहा था. अंतिम समय में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए मैंने हर दिन स्कूल में पढ़ाये पाठ को दोहराया. किसी तरह का डाउट होने पर उसे नोट कर अगले दिन टीचर से पूछ लेता था. इस तरह शुरू से ही मैं डाउट क्लीयर करता चला गया. यही वजह रही कि मुझे आशा के अनुरूप अंक मिले. प्री बोर्ड से पहले हर दिन चार घंटे पढ़ायी प्री बोर्ड से पहले मैं हर दिन चार घंटे पढ़ता था. इस दौरान स्कूल में पढ़ाये पाठ को दोहराने के साथ-साथ मैं अगला अध्याय भी पढ़कर जाता था. इसका फायदा यह होता था कि मुझे अगले दिन पाठ अच्छी तरह से समझ में आ जाता था. मुझे जहां भी डाउट होता था, उसे नोट कर लेता था. अगले दिन टीचर से डाउट क्लीयर कर लेता था. जब प्री बोर्ड नजदीक आ गया, तो मैं सब्जेक्ट वाइज पढ़ने लगा. मैं एक-एक सब्जेक्ट को पूरा करता जा रहा था. टीचर देती थीं टिप्स क्लास में टीचर पढ़ाने के साथ-साथ बोर्ड परीक्षा के पैटर्न की जानकारी भी देती रहती थीं. महत्वपूर्ण प्रश्न को चिह्नित करा देती थीं. इसके अलावा अध्याय के अंदर के मुख्य बिंदु को हाइलाइट भी करा देती थीं. इससे हमें तैयारी करने में काफी सहूलियत हुई. प्री बोर्ड तक पूरा हो गया था सेलेबस प्री बोर्ड तक मैंने इतिहास और भूगोल छोड़कर सेलेबस पूरा कर लिया था. अब विषयों को दोहराना और अच्छी तरह से याद करने की बारी थी. प्री बोर्ड के बाद मैंने इतिहास और भूगोल की अच्छी तैयारी की. इन दोनों ही विषय पर अधिक समय दिया. इस तरह इन विषयों में भी किसी तरह की दिक्कत नहीं रह गयी थी. प्री बोर्ड पर दिया था ध्यान मैंने प्री बोर्ड की तैयारी पर भी ध्यान दिया था. दरअसल, इस परीक्षा से आपकी तैयारी का पता चल जाता है. इस तरह आपको फाइनल परीक्षा में कितने मार्क्स आने वाले है, इसका पता चल जाता है. इसी पैटर्न पर फाइनल परीक्षा में भी प्रश्न पूछे जाते हैं. अत: इस आधार पर आगे की तैयारी कर सकते हैं. मैं परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों से कहना चाहता हूं कि उन्हें प्री बोर्ड पर भी ध्यान देना चाहिए. प्री बोर्ड के बाद मैं पांच से छह घंटे तक सेल्फ स्टडी करता था. परीक्षा नजदीक आने पर मैं हर दिन एक-एक विषय पूरा करता जा रहा था. मैं इंजीनियरिंग फील्ड में कैरियर बनाना चाहता हूं. इसकी तैयारी मैंने अभी से ही शुरू कर दी है. बात पते की ऑब्जेक्टिव प्रश्नों पर ध्यान देंकिताबों से ही प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए किताब अच्छी तरह पढ़ें क्लास में पढ़ाये पाठ का हर दिन रीविजन करें

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