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रेगुलर पढ़ायी करने से मिलेगी सफलता

रेगुलर पढ़ायी करने से मिलेगी सफलतासत्या अमर मार्क्स : 97 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : साइंस स्कूल : मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल, साकची बोर्ड : आइसीएसइ माता-पिता : नीतू सिंह, अमर सिंह लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरप्री बोर्ड से पहले मैंने बुक रीडिंग पर अधिक ध्यान दिया था. मैं हर किताब को थॉरोली […]

रेगुलर पढ़ायी करने से मिलेगी सफलतासत्या अमर मार्क्स : 97 प्रतिशत रैंक : स्कूल सेकेंड टॉपर संकाय : साइंस स्कूल : मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल, साकची बोर्ड : आइसीएसइ माता-पिता : नीतू सिंह, अमर सिंह लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरप्री बोर्ड से पहले मैंने बुक रीडिंग पर अधिक ध्यान दिया था. मैं हर किताब को थॉरोली पढ़ गया था. इससे थ्योरी पार्ट आसान हो गया था. साथ में मैं हर अध्याय के प्रश्नों को भी हल करता जा रहा था. मैंने टीचर की बतायी बातों पर भी गौर किया था. केमेस्ट्री व इतिहास पर दिया अधिक ध्यान मैथ्स, फीजिक्स और कंप्यूटर मेरे प्रिय विषय रहे. इसे मैं रेगुलर पढ़ता भी था. दूसरी तरफ केमेस्ट्री और इतिहास में मुझे परेशानी हुई. केमेस्ट्री की बात करूं तो इसमें केमिकल रिएक्शन मुझे टफ लगते थे. इसे बार-बार पढ़ना पड़ता था. इसके ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन भी टफ थे. इतिहास का लगभग हर अध्याय लंबा था. याद होने के बाद भी इसमें कॉन्फिडेंस नहीं हो पाता था. इसलिए, इन दोनों ही विषय पर मैं अधिक समय देता था. परीक्षा नजदीक आने पर तो मैं इतिहास ज्यादा पढ़ने लगा था. क्लास में क्लीयर हो जाते थे डाउट टीचर हर चैप्टर को फ्लो चार्ट के माध्यम से समझाती थीं. क्लास में क्वेश्चन पूछती थीं. हर अध्याय रीविजन कराती थीं. क्लास में ओरल भी होता था. इस तरह क्लास में हर डाउट क्लीयर हो जाता था. ब्रेक लेकर पढ़ता थाप्री बोर्ड के बाद क्लास बंद हो जाने से घर पर पढ़ने का अधिक समय मिल गया था. इस दौरान मैं ब्रेक लेकर पढ़ता था. लगातार घर पर रहने से अंतिम समय में मैं तनाव में आ गया था. तनाव कम करने के लिए थोड़ी देर के लिए घर से निकल जाता था. बाहर खेलता था. ऐसा करने से मुझे काफी राहत मिलती थी. इस तरह करता था डाउट क्लीयरतैयारी के दौरान किसी तरह का डाउट होने पर पहले मैं खुद हल करने की कोशिश करता था. इसके बाद भी दिक्कत होती थी, तो मैं दोस्तों से फोन पर क्लीयर करने का प्रयास करता था. संतुष्ट न होने पर अगले दिन स्कूल जाकर टीचर से पूछ लेता था. आइआइटी करना लक्ष्यमैंने आइआइटी को अपना टारगेट बनाया है. इसकी तैयारी शुरू कर दी है. 12वीं बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग की तैयारी भी चल रही है. मैं कंप्यूटर इंजीनियरिंग करना चाहता हूं. मैं बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों से कहना चाहता हूं कि वह टीचर्स के बताये टिप्स को जरूर मानें. साथ ही किताब को थॉरोली पढ़ें. इससे बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ 11वीं-12वीं की पढ़ायी में भी काफी सहायता मिलेगी. बात पते की रेगुलर पढ़ायी करें, एक भी क्लास मिस न करेंरूटीन जरूर बनायें, इससे आप हर विषय पर ध्यान दे पायेंगेबोर्ड के पैटर्न को समझकर तैयारी करें

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