जमशेदपुर: सप्ताह भर पहले आयी फैलिन व बारिश के कारण खाद्यान्न का आवक कम हो गया है. इसका सबसे अधिक असर गेहूं पर पड़ा है. गेहूं की कीमत में 100 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है. इस वजह से आटे की कीमत में भी वृद्धि हो गयी है. गेहूं की तुलना में चावल, दाल की कीमत कम बढ़ी है. व्यापारियों का कहना है कि अगर सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया, तो खाद्यान्न की कीमत और बढ़ सकती है.
आवक घटी
बाजार समिति सूत्रों का कहना है कि पहले की तुलना में खाद्यान्न की आवक कम हो गयी है. लगातार मौसम खराब रहने का असर भी पड़ा है. इसके अलावा ट्रकों के किराये में वृद्धि हुई है. आवक घटने व मांग बढ़ने के कारण कीमत में उछाल आयी है. सूत्रों ने कहा कि पहले एक दर्जन ट्रक खाद्यान्न आता था. मगर अभी आधा दर्जन ट्रक भी समिति परिसर में नहीं आ रहा है.
बाहर से आता है गेहूं
झारखंड में गेहूं की खेती काफी कम होती है. फलत: यहां बिहार के अलावा यूपी, पंजाब, राजस्थान से गेहूं मंगाया जाता है. लंबी दूरी होने के कारण झारखंड में गेहूं की कीमत बढ़ जाती है. बिहार से कल्याण व अन्य मार्का का गेहूं आता है. बाकी स्थानों से फारम गेहूं आता है. इसकी कीमत कल्याण की तुलना में ज्यादा होती है. इधर उपभोक्ताओं का कहना है कि कुछ व्यापारी खाद्यान्न का भंडारण कर रहे हैं. इस वजह से अचानक कीमत में बढ़ोतरी हुई है. अगर जिला प्रशासन छापामारी करे, तो कीमत में कमी आ सकती है. चावल पहले मप्र व अन्य राज्यों से आता था. मगर अब कम चावल आ रहा है. झारखंड के मिलों से ही थोक व्यापारी चावल मंगा रहे हैं.
बाहर उतर रहा है खाद्यान्न
समिति परिसर से बाहर खाद्यान्न नहीं उतरे, इसके लिए अधिकारी लगातार चौकसी बरतते हैं. मगर मानगो, जुगसलाई, साकची, गोलमूरी समेत अन्य इलाकों में चोरी-छिपे खाद्यान्न उतर रहा है. व्यापारी रात के अंधेरे में खाद्यान्न उतार ले रहे हैं. इससे सरकारी राजस्व की चोरी हो रही है. कई बार खाद्यान्न उतारते ट्रकों को पकड़ा गया. उसके मालिक से दंड वसूला गया है.