जमशेदपुर. धार्मिक संस्था नफाज-ए- शरिया की बैठक काे संबाेधित करते हुए अलहाज डॉ नूरजमा खान ने कहा कि मुहर्रम एक महत्वपूर्ण महीना है. मैदान- ए- करबला में इमाम-ए-हुसैन आैर उनके सहयाेगियाें की शहादत इसलामी शरियत के अस्सित्व का प्रतिफल है.
लाेगाें काे इस दाैरान ढाेल-बाजा से दूर रहना चाहिए. गलत कार्याें से दूर रहना चाहिए. बैठक में हाजी अशरफ अली, माैलाना सगीर आलम फैजी, माैलाना बशीर अहमद, हाफिज जलालुद्दीन, माैलाना हामिद रजा, हाफिज अबरार, हाफिज शफीउज्जमां खाना माैलवी सैफुज्मां खान उपस्थित थे.