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स्पोर्ट्स में बनायें भविष्य एक जमाना था जब खेलकूद को केवल स्वस्थ रहने का जरिया मात्र समझा जाता था. कैरियर को लेकर इसका महत्व कम था. आज समय बदला है. आज यूथ खेलकूद को कैरियर की नजर से भी देखने लगे हैं. देखें तो हर स्कूल में शारीरिक शिक्षक की नियुक्ति हो रही है. कई […]

स्पोर्ट्स में बनायें भविष्य एक जमाना था जब खेलकूद को केवल स्वस्थ रहने का जरिया मात्र समझा जाता था. कैरियर को लेकर इसका महत्व कम था. आज समय बदला है. आज यूथ खेलकूद को कैरियर की नजर से भी देखने लगे हैं. देखें तो हर स्कूल में शारीरिक शिक्षक की नियुक्ति हो रही है. कई सरकारी विभाग में खेलकूद का अलग से कोटा होता है. इसके जरिये खिलाड़ियों की भर्ती होती है. उदाहरण के लिए आर्मी, एयर फोर्स, रेलवे आदि में खेलकूद कोटा है. ओलंपिक व अन्य बड़े स्पोर्ट्स मीट में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों की तो सरकारी विभागों में सीधी बहाली हो जाती है. इसके अलावा अाप चाहें, तो खेल विशेष में कोच भी बन सकते हैं. कोच बनने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक है. साथ में प्रतिभागी को खेल विशेष में तीन नेशनल मीट या तीन स्टेट मीट या कम-से-कम तीन यूनिवर्सिटी मीट खेलने का अनुभव भी होना चाहिए. इसके लिए प्रतिभागी को लिखित परीक्षा व शारीरिक जांच देनी होती है. नेशनल स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पटियाला से साल में एक बार फॉर्म निकलता है. आप चाहें तो अपना कोचिंग इंस्टीट्यूट भी खोल सकते हैं. अजीत कुमार सिंह, बॉक्सिंग कोच

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