जमशेदपुर: जिले के उच्च विद्यालयों (सरकारी) में नौवीं व 10 वीं कक्षा के विद्यार्थी भगवान भरोसे ही पढ़ाई कर रहे हैं. शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के साथ-साथ माह-दर-माह विद्यालयों में रिक्त पदों की संख्या बढ़ती जा रही है. विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. फलस्वरूप विद्यार्थी येन-केन-प्रकारेण तैयारी कर मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होते हैं. जिससे मैट्रिक परीक्षा में सरकारी उच्च विद्यालयों का रिजल्ट प्रभावित होता है. इन विद्यालयों में भी मेधावी छात्रों की संख्या कम नहीं है, बावजूद अधिकांश टॉपर अल्पसंख्यक या संबद्ध विद्यालयों से निकलते हैं. जिला ही नहीं, राज्य भर में लंबे समय से उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है.
साल भर से लंबित उवि में शिक्षकों की नियुक्ति
राज्य में उत्क्रमित विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड अधिविद्य परिषद ने अगस्त 2012 में नियुक्त परीक्षा का आयोजन किया था. तब बायोलॉजी की परीक्षा रद्द कर दी गयी थी. हालांकि 2012 से पूर्व भी परीक्षा की घोषणा करते हुए आवेदन आमंत्रित किये गये थे, लेकिन परीक्षा नहीं हुई. इसलिए उस समय आवेदन करनेवाले न्यायालय की शरण में चले गये. इस पर न्यायालय ने उन उम्मीदवारों की भी परीक्षा लेते हुए सभी का परीक्षाफल एक साथ प्रकाशित करने का फैसला सुनाया. इसके मद्देनजर परिषद ने उन उम्मीदवारों से शपथ पत्र के साथ आवेदन आमंत्रित किया है.
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जिला स्तर पर कुछ नहीं किया जा सकता. यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से संबंधित है. हां, जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से करीब एक वर्ष पूर्व युक्तिकरण के लिए एक सूची उपायुक्त के माध्यम से विभाग को भेजी गयी थी. ताकि वैसे विद्यालय जहां विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या अधिक है, वहां से कुछ पदों का युक्तिकरण कर वैसे विद्यालयों में दिया जाये, जहां विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या कम है.
अशोक कुमार शर्मा, जिला शिक्षा पदाधिकारी
उत्क्रमित उवि में नियुक्ति के लिए गत वर्ष जो परीक्षा ली गयी थी, उसका परीक्षाफल भी प्रकाशित किया जायेगा. इससे पूर्व 2012 से पहले होनेवाली परीक्षा के उम्मीदवारों से भी शपथ पत्र व आवेदन आमंत्रित किये गये हैं, ताकि उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक उनकी परीक्षा लेकर सभी का परीक्षाफल एक साथ प्रकाशित किया जा सके.सुशील कुमार राय, सचिव, झारखंड अधिविद्य परिषद