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1157 की जगह 207 बीपीएल का ही लिया गया एडमिशन
जमशेदपुर : शहर के निजी स्कूल बीपीएल के एडमिशन के मामले में सबसे पीछे हैं. इस साल शहर में 1157 विद्यार्थियों के एडमिशन का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन सिर्फ 207 गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों का ही दाखिला हो पाया है. अब तक सिर्फ 17.89 फीसदी बीपीएल बच्चों का ही दाखिला हो […]
जमशेदपुर : शहर के निजी स्कूल बीपीएल के एडमिशन के मामले में सबसे पीछे हैं. इस साल शहर में 1157 विद्यार्थियों के एडमिशन का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन सिर्फ 207 गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों का ही दाखिला हो पाया है. अब तक सिर्फ 17.89 फीसदी बीपीएल बच्चों का ही दाखिला हो पाया है. इस आंकड़े को जिला शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों राज्य के मानव संसाधन विकास विभाग को भेजा है. मानव संसाधन विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने निजी स्कूलों में हर हाल में गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों का दाखिला सुनिश्चित करने को कहा है.
शिक्षा विभाग द्वारा अनुशंसित बीपीएल बच्चे को लेना है अनिवार्य
पिछले दिनों शहर में राजेंद्र विद्यालय में बीपीएल बच्चों के एडिमशन के लिए गये अभिभावकों के साथ मारपीट की गयी थी. इस मामले के बाद यह बात सामने आयी कि निजी स्कूलों की अोर से गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के उम्मीदवार जब एडमिशन के लिए जाते हैं तो उन्हें कई बार दौड़ाया जाता है. इसके बाद तय किया गया है कि अगर गरीब अौर अभिवंचित वर्ग के बच्चों को दाखिला चाहिए, तो इसके लिए जिला शिक्षा विभाग में आवेदन किया जाये, यहां से बीपीएल के एडमिशन की अनुशंसा किये जाने वाले बच्चे का एडमिशन सुनिश्चित किया जाये.
जल्द मिलेगी स्कूलों को राशि : जानकारी के अनुसार राज्य के निजी स्कूलों में प्रति विद्यार्थी दी जाने वाली राशि 425 रुपये तय कर दी गयी है. हालांकि निजी स्कूलों ने इस राशि को लेने के इनकार कर दिया गया है अौर मामला हाइकोर्ट चला गया है. हाइकोर्ट ने सरकार को इस मामले में अपना पक्ष रखने को कहा है. इस मामले में फैसला अाने के बाद निजी स्कूलों को राशि दे दी जायेगी.
15 दिनों में तय करना था पोषक क्षेत्र, बीत गये 3 माह : निजी स्कूलों के पोषक क्षेत्र तय करने को लेकर जिला प्रशासन ने एक टीम का गठन किया गया था. इस टीम को आदेश दिया गया था कि 15 दिनों के भीतर सभी निजी स्कूलों का पोषक क्षेत्र तय कर लिया जाये. इसके लिए सभी अधिसूचित क्षेत्र समिति के पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया था, लेकिन तीन महीने बीत गये, अब तक इसे तय नहीं किया जा सका है.
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