(फोटो भागवत कथा के नाम से सेव है)जिसे कोई नहीं देखता उसे भगवान देखता है लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर त्याग से जीवन में शांति आती है. शांति से भक्ति का मार्ग खुलता है. यह बातें कथा वाचक भागवत किंकर अनुराग कृष्ण शास्त्री ने कहीं. वे शुक्रवार को धालभूम क्लब मैदान में विगत सात दिनों से चल रहे भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के समापन से पहले श्रद्धालुओं को कथा सुना रहे थे. उन्होंने कहा कि भ्रम या संदेह का संसार में कोई उपचार नहीं है. जीव को अगर दूसरों के सुख में आनंदित होने का अधिकार है तो उसे दूसरों के दुख में दुखी होने का दायित्व भी निभाना चाहिए. जिसे कोई नहीं देखता उसे भगवान देखता है. कथा यज्ञ की हुई पूर्णाहुतिशुक्रवार को सुबह दसे बजे प्रवचन शुरू हुआ, जो अपराह्न दो बजे तक चला. हवन के साथ कथा की विधिवत पूर्णाहुति हुई. इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिरकत की. वैदिक यात्रा परिवार की झारखंड प्रांतीय शाखा ने आकार लेना शुरू कर दिया है. कथा वाचक ने शहर के प्रकाश शर्मा को परिवार का झारखंड प्रांत प्रमुख मनोनीत किया. उन्होंने व्यास पीठ से इसकी घोषणा भी की.अगले वर्ष फिर होगी कथाकथा अगले वर्ष फिर आयोजित की जायेगी. श्री शास्त्री ने इसकी स्वीकृति दी है. अशोक अग्रवाल, विनय कुमार सिंह, रामावतार अग्रवाल, मालचंद्र बाहेती, नरेश अग्रवाल, स्व मोहनलाल सिंघानिया के सभी पुत्रों आदि को इस आयोजन का यजमान बनाया गया है. आज की कथा में शास्त्री ने दुपट्टा ओढ़ाकर इन सभी को आशीष दिया. मौके पर रामकृष्ण चौधरी, सुरेश भौलिका, सुरेश लोधा, भंवरलाल खंडेलवाल व अन्य उपस्थित थे.
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धालभूम क्लब मैदान में चल रही भागवत कथा की हुई पूर्णाहुति
(फोटो भागवत कथा के नाम से सेव है)जिसे कोई नहीं देखता उसे भगवान देखता है लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर त्याग से जीवन में शांति आती है. शांति से भक्ति का मार्ग खुलता है. यह बातें कथा वाचक भागवत किंकर अनुराग कृष्ण शास्त्री ने कहीं. वे शुक्रवार को धालभूम क्लब मैदान में विगत सात दिनों से […]
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