हेडिंग::: सिर्फ फैशन नहीं, संपत्ति और निवेश भी गहनों को सुहाग और फैशन से जोड़ कर देखना अब पुरानी बात हो चुकी है. नये दौर में महिलाएं इसे संपत्ति और फ्यूचर इनवेस्टमेंट (भविष्य निवेश) के रूप में ले रही हैं. हालांकि, इनका पारंपरिक इस्तेमाल अब भी जारी है. लाइफ @ जमशेदपुर की टीम ने शहर की कई महिलाओं से इस मुद्दे पर बातचीत की, तो उनकी राय का सार यही निकला. पेश है इस बातचीत के मुख्य अंश : गहने महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाने का काम करते हैं, लेकिन यह एक तरह से फ्यूचर इनवेस्टमेंट भी हैं. आड़े वक्त में ये गहने काफी काम आते हैं. – बबीता मसी, गोलमुरी से गहने तो महिलाओं का शृंगार हैं. यह सुहानग होने का प्रतीक है. इसलिए, शादीशुदा महिलाएं मंगलसूत्र, बिछिया आदि पहनती हैं. लेकन, ये फ्यूचर इनवेस्टमेंट भी हैं. – शिल्पी सिंह, टेल्को भुवनेश्वरी मंदिर से महिलाएं शौक पूरा करने के लिए गहने पहनती हैं. हर कम्यूनिटी में इसका महत्व है. अगर रूप शृंगार से अलग हटकर सोचें तो यह आपके स्टेटस को भी दिखाता है. – रूमा सिन्हा, हुडको से गहने महिलाओं की शोभा बढ़ाते हैं. इसलिए आप देख सकते हैं कि महिलाएं गहने बनाने में खूब खर्च करती हैं. इसका मकसद भविष्य निधि के तौर तर संपत्ति को सुरक्षित रखना भी है. -पी वाहिनी, लोहाबासा सेगहने महिलाओं की खूबसूरती को निखारते भी हैं. यह सुहाग का भी प्रतीक है. सबसे बड़ी बात कि आज के समय गहने संपत्ति के रूप में भी देखे जाते हैं. – सोनी सिंह, बिरसा नगर से गहने शृंगार के लिए पहने जाते हैं. यह सुहागन का प्रतीक तो है ही साथ यह आपके स्टेटस को भी दिखाता है. साथ ही यह बुरे वक्त में भी काम आते हैं. – नीतू कुमारी, भुइयांडीह से
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टॉक शो : गहने और महिलाएं
हेडिंग::: सिर्फ फैशन नहीं, संपत्ति और निवेश भी गहनों को सुहाग और फैशन से जोड़ कर देखना अब पुरानी बात हो चुकी है. नये दौर में महिलाएं इसे संपत्ति और फ्यूचर इनवेस्टमेंट (भविष्य निवेश) के रूप में ले रही हैं. हालांकि, इनका पारंपरिक इस्तेमाल अब भी जारी है. लाइफ @ जमशेदपुर की टीम ने शहर […]
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