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आरटीइ से निजी स्कूलों को मिल रहा बढ़ावा
जमशेदपुर : एमबीए की पढ़ाई से नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद जैसे देशभक्त पैदा नहीं हो सकते हैं. एमबीए में यही शिक्षा दी जाती है कि किस तरह से सिर्फ और सिर्फ उनका भला हो. यह भारत की शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर डाल रहा है. इस कोर्स में देश के लिए कुछ करने […]
जमशेदपुर : एमबीए की पढ़ाई से नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद जैसे देशभक्त पैदा नहीं हो सकते हैं. एमबीए में यही शिक्षा दी जाती है कि किस तरह से सिर्फ और सिर्फ उनका भला हो. यह भारत की शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर डाल रहा है.
इस कोर्स में देश के लिए कुछ करने का जिक्र नहीं रहता है. उक्त बातें अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभाकर आरडे ने कही. वे शुक्रवार को जमशेदपुर पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आरटीइ लागू होने के बावजूद देश का भला नहीं हो रहा है. आरटीइ के जरिये निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटें भरने के लिए प्रशासन मुस्तैद रहता है, जबकि सरकारी स्कूलों में गिरती उपस्थिति पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है. कॉन्फ्रेंस में शिक्षा व्यवस्था में सुधार पर होगी चर्चा: उन्होंने कहा कि शहर में महासंघ का दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस शनिवार से शुरू हो रहा है.
इस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर आगे की रूप-रेखा तैयार की जायेगी. जल्द ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग मंत्री स्मृति ईरानी से मुलाकात कर शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की मांग की जायेगी. इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की शुरुआत की जायेगी. मौके पर सुधाकर सावंत, आशुतोष कुमार राकेश, हरिमद पांडेय, बाबूलाल झा, धीरेंद्र कुमार, राम नारायण सिंह समेत अन्य मौजूद थे.
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