उदया तिथि से गंगा दशहरा 28 मई को ही मनाया जायेगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. इस वर्ष हस्त नक्षत्र युक्त दशमी तिथि हमें 28 मई सुबह 11 बजे के बाद प्राप्त हो रही है. इसलिए गंगा दशहरा पर्व 28 मई को ही मनाया जायेगा. इस दिन गंगा स्नान, अन्न, वस्त्रदि का दान, जप, तप, उपासना की जाय तो दशों प्रकार के पाप (3 कायिक, 4 वाचिक व 3 मानसिक) नष्ट हो जाते हैं, इसीलिए इसे दशहरा व्रत भी कहते हैं.
इस दिन स्नान कर शिवलिंग पर गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, फल (सभी दस-दस प्रकार के) आदि से पूजन करने के बाद रात्रि जागरण किया जाय तो अनंत फल की प्राप्ति होती है. यदि गंगा में स्नान संभव नहीं हो तो समीप के किसी जलाशय, घर के शुद्ध जल से भी स्नान कर हम इस व्रत को कर सकते हैं.