इस पर बैरिकेडिंग कर दिया गया है. फलत: छोटे वाहन ही इस पुल से होकर गुजर रहे हैं. बड़े वाहनों को मजबूरी में चौका जाना पड़ता है. इस रूट पर नियमित चलनेवाले चालक मानगो होकर चांडिल, चौका निकल जाते हैं. मगर जिन्हें खराब सड़क की जानकारी नहीं है.
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वन भूमि के पेंच में फंसा कांड्रा-चौका मुख्य मार्ग
गम्हरिया: कांड्रा-चौका सड़क का निर्माण कार्य वन भूमि के पेंच में फंस गया है. काम बंद है. इसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है. जजर्र सड़क पर वाहन कब पलट जायेगा, कहना मुश्किल है. खराब सड़क की दूरी करीब सात किलोमीटर है. कांड्रा-चांडिल मार्ग बड़े वाहनों के लिए बंद है. कारण इस मार्ग का […]
गम्हरिया: कांड्रा-चौका सड़क का निर्माण कार्य वन भूमि के पेंच में फंस गया है. काम बंद है. इसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है. जजर्र सड़क पर वाहन कब पलट जायेगा, कहना मुश्किल है. खराब सड़क की दूरी करीब सात किलोमीटर है. कांड्रा-चांडिल मार्ग बड़े वाहनों के लिए बंद है. कारण इस मार्ग का मानीकुई पुल जजर्र हालत में है.
वह इस मार्ग पर आकर फंस जाते हैं. इस मार्ग पर बने बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से लोगों का चलना दूभर हो गया है. जब वाहन गुजरता है, तो तेज धूल उड़ती है. इससे आगे कुछ दिखायी नहीं देता है.
घंटों में तय होती है सात किमी की दूरी
राहगीरों के अनुसार कांड्रा-चौका मार्ग पर गिद्दीबेड़ा लखना घाटी से खूंटी तक की दूरी लगभग 10 किमी है. उक्त दूरी को तय करने में दो घंटे का समय लग जाता है. सात किलोमीटर सड़क बहुत ही खराब है.
हमेशा बना रहता है माल खराब होने का डर
चालकों का कहना है कि इस मार्ग पर कब ट्रक पलट जायेगा, कहना मुश्किल है. कई बार ट्रक पलटने से उसमें लदा सामान खराब हो गया. इसका खामियाना अंतत: उनकी ट्रांसपोर्ट कंपनी को भुगतना पड़ता है. रामगढ़ निवासी ट्रक चालक जगेश्वर महतो ने कहा कि जजर्र सड़क पर पहुंचते ही वाहन चालक गाड़ी में लदे माल को अच्छी तरह से बांध लेते हैं, ताकि गड्ढे में माल गिर नहीं जाये.
जेएआरडीसीएल को मिला है काम
कांड्रा से चौका मुख्य मार्ग के निर्माण का जिम्मा जेएआरडीसीएल को दिया गया है. इसकी दूरी लगभग 20 किमी है. एजेंसी ने 15 किमी सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. पांच किलोमीटर सड़क का काम अब तक आरंभ नहीं हो पाया है. कारण वन विभाग से एनओसी नहीं मिला है. गिद्दीबेड़ा लखना घाटी से खूंटी के बीच कई जगहों पर सड़क अधूरी है. इसका खामियाजा आम राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है.
अनापत्ति प्रमाण प्रत्र की प्रक्रिया अंतिम चरण में
इधर पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार सिंह ने बताया कि करीब सात किलोमीटर लंबी सड़क वन भूमि होकर निकलती है. इसके लिए वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना अनिवार्य है. प्रमाण-पत्र लेने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. अनुमति मिलते ही काम शुरू कर दिया जायेगा.
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