सेंटर फॉर एक्सीलेंस में एडुकेटर कॉन्क्लेव का समापन (फ्लैगसंवाददाता,जमशेदपुर सेंटर फॉर एक्सीलेंस में आयोजित एडुकेटर कॉन्क्लेव का रविवार को समापन हो गया. अंतिम दिन कार्यक्रम में शहर के अलग-अलग 16 स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया. शनिवार को आयोजित कॉन्क्लेव में रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित चंद्रेश्वर खां ने कहा कि शहर की स्कूली शिक्षा काफी बेहतर है. लेकिन इसे और भी सुधारा जा सकता है. इसके लिए पहल दोनों ओर से करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षक इस तरह से पढ़ायें कि पढ़ाई कभी भी बोरिंग न लगे और वे आसानी से उसे व्यवहारिक जीवन में भी याद रखें. उन्होंने कहा कि पढ़ाई हमेशा एप्लीकेशन बेस्ड हो, ताकि बच्चे ऐसी बातें जो किताब में पढ़ते हों उसका कैसे इस्तेमाल किया जाये. इसे भी जान सके. सत्र के दौरान मनो चिकित्सक डॉ निधि श्रीवास्तव ने भी शिक्षक-शिक्षिकाओं को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि किस तरह से आधुनिक दिनचर्या में बच्चों में पढ़ाई का तनाव बढ़ रहा है. इसका साइड इफेक्ट भी बच्चों पर दिखता है, इससे निबटने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों की काउंसिलिंग भी जरूरी है. काउंसिलिंग इस तरह की हो, ताकि बच्चे पढ़ाई को इन्जॉय करें. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा अंक हासिल करने के बजाय अच्छा इनसान बनाने पर बल दिया. कॉन्क्लेव में 16 स्कूलों के करीब 45 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इसमें जेएच तारापोर, डीएवी बिष्टुपुर, केएसएमएस, चिन्मया विद्यालय बिष्टुपुर, केपीएस मानगो, केपीएस बर्मामाइंस, केपीएस कदमा, केपीएस एनएमएल, केपीएस गम्हरिया, काशीडीह हाइ स्कूल, एलएफएस, गुलमोहर हाइ स्कूल की शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे.
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व्यवहारिक ज्ञान वक्त की मांग (फोटो है )
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